विक्की रॉय के सफल जीवन की प्रेरणादायक कहानी | vicky roy success story in hindi :
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गरीबी के कारण 11 वर्ष की उम्र में घर से भागने वाला लड़का जो दिल्ली जाकर रेलवे स्टेशन पर कचरा बीनने लगा क्या वह एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फोटोग्राफर बन सकता है पढ़िए विक्की रॉय ( vicky roy ) के गरीबी, संघर्ष और सफलता की कहानी हिंदी में vicky roy success story in hindi
vicky roy |
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विक्की रोय (vicky roy) जब छोटे थे तो उनके माता-पिता ने गरीबी के कारण विक्की को उनके नाना नानी के घर छोड़ दिया था नाना नानी के घर विक्की के साथ अत्याचार होता था वहां पर विक्की को दिन भर काम करना पड़ता ओर छोटी छोटी बात पर उनके साथ मारपीट भी होती थी नाना नानी के घर में विक्की एक कैदी के समान हो गए थे जबकि विक्की को घूमने फिरने का शोक था इसलिए विक्की ने 11 वर्ष की उम्र में अपने मामा की जेब से 900 रुपये चोरी किये और घर से भाग गए घर छोड़ने के बाद विक्की दिल्ली पहुंच गए वे जब आफ दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे तो भीड़भाड़ देख कर घबरा गए ओर रोने लगे । तभी उनकी मुलाकात रेलवे स्टेशन पर रहने वाले लड़कों से हुई जो कचरा बीनते थे विक्की भी उन लड़कों के साथ कचरा बीनने और खाली बोतलें उठाने का काम करने लगे । रात को वे रेलवे स्टेशन पर सोते थे लेकिन रात में जब पुलिस वाले मुआयना करने आते तो डंडा मारकर भगा देते थे कुछ दिनों बाद कुछ व्यक्ति विक्की को अनाथालय ले गए । विक्की अनाथालय आ गए ओर वहां रहने लगे वहां उन्हें अच्छा खाना पीना मिल जाया करता था लेकिन वहां हमेशा ताला लगा रहता था कोई भी वहां से बाहर नही जा सकता था विक्की फिर से एक कैदी की तरह हो गए थे इसलिए उन्होंने अनाथालय से भागने का फैसला किया । एक दिन मौका देख कर अनाथालय से भाग गए और फिर से रेलवे स्टेशन जाकर कचरा बीनने का काम करने लगे । लेकिन पैसों की कमी के कारण कुछ महीनों बाद वह एक रेस्तरां में बर्तन धोने का काम करने लगे । कड़ाके की ठंड में विक्की को सुबह 5:00 बजे उठा दिया जाता और वे रात को 12 बजे तक ठंडे पानी से बर्तन धोते यह समय विकी के लिए बहुत मुश्किल समय था
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जिंदगी में बदलाव
एक बार उसी रेस्त्रां मैं एक सज्जन व्यक्ति खाना खाने आये उन्होंने जब विक्की को काम करते देखा तो उन्होंने कहा तुम्हारी पढ़ने लिखने की उम्र है पैसे कमाने की नही और वे विक्की को सलाम बालक ट्रस्ट नामक संस्था मैं ले आए । सलाम बालक ट्रस्ट की “अपना घर” संस्था में ले आये । उनका दाखिला सिक्सथ क्लास मैं करा दिया और वे निरंतर रूप से स्कूल जाने लगे। लेकिन 10th क्लास में उनके मात्र 48% ही आये इस कारण उन्होंने कुछ और करने का निर्णय किया
विक्की ने अपने टीचर को फोटोग्राफी के क्षेत्र मैं अपनी रुचि बताई। उसी समय ही ट्रस्ट के अंदर ही फोटोग्राफी वर्कशॉप का आयोजन हो रहा था जिसके लिए ब्रिटिश फोटोग्राफर दीक्सी बेंजामिन हुआ करते थे तो टीचर ने डिक्सी बेंजामिन से विक्की का परिचय करवाया और कहा यह एक फोटोग्राफर बनना चाहता है डिक्सी ने विक्की को थोड़ा बहुत फोटोग्राफी सिखाई लेकिन विक्की को उनके साथ काम करने मैं कठिनाई होती थी क्योंकि कि को इंग्लिश नहीं आती थी। कुछ ही समय बाद विक्की वापस विदेश लौट आए इसके बाद विक्की को दिल्ली के एक फोटोग्राफर एनी मान से सीखने का मौका मिला एनी उन्हें ₹3000 तनख्वाह के रूप में देते और मोबाइल और बाइक के लिए पैसे देते थे। 18 साल की उम्र तक तो विक्की सलाम बालक ट्रस्ट रहे लेकिन इसके बाद उन्हें किराए पर मकान लेकर रहना पड़ा। इसी समय उन्होंने सलाम बालक ट्रस्ट से ब्लैक एंड व्हाइट निकोन कैमरा खरीदने लिए लोन लिया इसके लिए उन्हें हर महीने 500 रुपए किस्त के और ढाई हजार रुपए मकान का किराया देना होता था इस कारण विक्की को बड़े बड़े होटलों में वेटर का काम करना पड़ा जिससे उन्हें रोजाना ढाई सौ रुपए मिल जाया करते थे
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फोटोग्राफी शुरू
2007 में जब विक्की 20 साल के हो गए तो उन्होंन अपनीे फोटोग्राफी की पहली प्रदर्शनी लगाई। इसका नाम था “स्ट्रीट ड्रीम्स” और उन्होंने यह प्रदर्शनी इंडिया हैबिटेट सेंटर मैं लगाई इससे उन्हें बहुत ख्याति मिली इसके बाद में वे लंदन वियतनाम और दक्षिण अफ्रीका गए। इसके बाद विकी अन्य तीन फोटोग्राफर के साथ फोटोग्राफी करने न्यूयॉर्क भी गए। भारत वापस आने पर विक्की को सलाम बालक ट्रस्ट ने “इंटरनेशनल अवॉर्ड फॉर यंग पीपल” से सम्मानित किया ।
सफलता और सम्मान
इसके बाद विकी को और भी कई सम्मान से नवाजा गया। 2010 में विक्की को बहरैन इंडियन लेडीज असोसिएशन ने “यंग अचीवर्स फ्रॉम इंडिया” से भी सम्मानित किया 2013 में विक्की का चयन आठ अन्य फोटोग्राफर के साथ नेट जियो मिशन के कवर शूट के लिए हुआ और वह श्रीलंका चले गए। कई सालों बाद विकी अपने भाई-बहनों से मिले अब वह अपने परिवार की देखरेख भी करते हैं अब वह फ्रीलांस फोटोग्राफर के रूप में काम करते हैं
विक्की रॉय कहते है
अगर आप अपने जीवन में कुछ करना चाहते हैं तो हमेशा कड़ी मेहनत करनी होगी, सफल होने के लिए कोई भी शॉर्टकट नहीं होता। अगर आप अपने सपने को साकार करना चाहते हैं तो उस पर कड़ी नजर रखें। बाधाओं से डरकर भागने से आप कभी सफल नही हो पाओगे