मानसिक रूप से मजबूत रहने के तरीके – Mentally strong people tips in hindi
मेंटली स्ट्रांग लोग इस बात को ना सिर्फ अच्छी तरह जानते हैं बल्कि बार-बार महसूस भी करते हैं की work does not owe them anything अगर मेंटली स्ट्रांग व्यवसाई का धंधा चौपट हो जाए तो वह यह नहीं सोचता कि मैं तो इमानदार आदमी था मेरे साथ तो ऐसा नहीं होना था, जो मैंने इतनी मेहनत की थी, मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ? जो लोग उम्मीद करते हैं कि उनके साथ हमेशा सही होगा उनके पास किसी तरह का गारंटी कार्ड है यह जिस पर लिखा है कि मेरी जिंदगी में कभी मुझे तकलीफ नहीं होगी ऐसे लोग अपनी लाइफ को फ्रस्ट्रेशन और गुस्से से भर लेते हैं क्योंकि उनको लगता है कि उनके साथ किस्मत ने धोखा किया है चाहे आप दुनिया के सबसे बुद्धिमान इंसान हो या आपने अपनी जिंदगी में बाकियों से ज्यादा दुख झेले हो फिर भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपके साथ हमेशा सब बढ़िया हो मेंटली स्ट्रांग लोग इस जाल के प्रति सावधान रहते हैं, मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ जैसे सवालों से वह बहुत सतर्क रहते हैं क्योंकि इसमें किस्मत के प्रति शिकायत छिपी है वह अपने आपको याद दिलाते हैं कि इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो काबिल और मेहनती हैं फिर भी वह कठिन जिंदगी जीते हैं कई मासूम लोग हैं जो युद्ध ग्रस्त देश में फंसे हुए हैं, कई होशियार बच्चे हैं जिन्हें कभी किताब नसीब नहीं होगी।
जब मेंटली स्ट्रांग लोग ऐसा सोचते हैं तो वह अपनी शिकायतें छोड़कर सोचने लगते कि हम अपनी तरफ से इस दुनिया के लिए इस देश के लिए क्या कर सकते हैं इनमें सेवा और मदद का गुण होता है यह हमेशा अपने आसपास अपने परिवार दोस्तों और समाज की मदद या सेवा में लगे होते हैं जिस कारण वे खुशी और संतुष्टि महसूस करते हैं अगली बार जब आपको लगे कि आप अपनी किस्मत कोसने जा रहे हैं तो अपना गारंटी कार्ड ढूंढिए अगर नहीं मिले तो रुक जाइए अपने आसपास देखिए की क्या छोटी से छोटी सी सेवा आप कर सकते हैं।
दूसरी गलती जो मेंटली स्ट्रांग लोग नहीं करते कि वह उन चीजों की चिंता नहीं करते जिनका वे कुछ सुधार नहीं कर सकते बड़ी लॉजिकल सी बात है लेकिन कभी-कभी इतनी गंभीर आपदाएं सामने आती है कि हमको लगता है कि जीवन पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं है और जब हमें कंट्रोल महसूस नहीं होता तो डर भर जाता है और हम ऑप्टिमिस्टिक ओर आभारी नहीं रह पाते।
ऐसा एक महिला Heather st. james के साथ हुआ जब उन्हें पता चला कि उन्हें कैंसर है तो उनकी नवजात बेटी केवल 3 महीने की थी 1 साल सर्जरी रेडिएशन और कीमो में निकल गया जब वह ठीक हुई तो उनके मन में एक डर बस गया था क्यों की बच्ची बिन मां के बड़ी होगी क्योंकि उन्हें लगता था कि कैंसर कभी भी लौट कर आ सकता है वह इस चिंता में बीमार रहने लगी एक दिन वह अपनी इस मानसिक आदत से परेशान होकर अपने डर और चिंता को एक प्लेट पर लिखा और बाहर जाकर आग जलाई फिर प्लेट आग में फेंक कर तोड़ मारी।
इस हरकत को करने से उन्होंने मानसिक तौर पर उन सारी चीजों को छोड़ दिया जिनको वह कंट्रोल नहीं कर सकती थी बिलकुल वैसे ही जैसे उन्होंने प्लेट को आग में थोड़ा था अगर आपको लगे कि भविष्य का आपको कुछ नहीं पता पूरी जिंदगी पूरी तरह बेकाबू है तो एक बड़ा पेपर लीजिए उसमें बीच से एक लाइन खींचिये ऊपर वाले भाग में लिखिए कि आप क्या कंट्रोल नहीं कर सकते हो उसको अच्छी तरह से भर दीजिए जो हो चुका उसे आप कंट्रोल नहीं कर सकते दुनिया में बहुत से बुरे लोग हैं शायद आप उसे कभी कंट्रोल नहीं कर सकते आप अपने विचार और इमोशन भी हर समय कंट्रोल नहीं कर, सकते, इसके बाद नीचे वाले भाग में लिखिए कि आप क्या कंट्रोल कर सकते हैं आप अपना रिएक्शन और अभ्यास जरूर कंट्रोल कर सकते हैं, चीजों का मतलब निकालना और अपना दृष्टिकोण भी आप कंट्रोल कर सकते हैं जब शीट भर जाए तो ऊपर वाला हिस्सा फाड़ कर उसमें आग लगा दीजिए और अपने डरो को धुआँ होते हुए देखिए।
आप कहेंगे कि यह दोनों बातें सुनने में बहुत अच्छी लगती हैं एक बार हम चिंता फर्स्ट्रेशन और शिकायत करना छोड़ सकते हैं लेकिन यह तरकीबें कुछ ही देर काम करती है।
अगर मेंटली स्ट्रांग लोगों को अपनी गलती पता चल जाए तो वह उसको बार-बार नहीं दोहराते लेकिन वह ऐसा करते कैसे हैं?
अगर आप गिर जाते हो तो आपका पहला काम है धूल झड़ा कर खड़े हो जाना, लेकिन उठने के बाद मेंटली स्ट्रांग लोग सोचते हैं कि आखिर वे गिरे क्यों थे? वे अपनी गलतियों से छुपते नहीं है चाहे गलती कितनी ही छोटी ही क्यों ना हो हर बार कुछ ना कुछ बदलाव लाते हैं। तो हम अपनी छोटी-छोटी गलतियों को बार-बार कैसे सुधारें?
क्योंकि जब गलतियों के बारे में सोचते हैं तो पहले शर्म और फिर गुस्सा आता है इसलिए एक छोटा सा थॉट एक्सपेरिमेंट कर लीजिए मान लीजिए कि आप बड़े भाई हैं और आपका परेशान हिस्सा आपका आज्ञाकारी छोटा भाई है आप अपने छोटे भाई के साथ मिलकर सोचिए कि अपने से गलती क्यों हो रही है और इसे कैसे सुलझा सकते हैं आप 3 लेवल पर काम कर सकते हैं 1.extarnel triggers 2.habits 3. beleif system फिर छोटे भाई के साथ मिलकर सॉल्यूशन और एक्शन लिख लीजिए फिर अपने छोटे भाई को समझाइए कि हर बार गलती से बचने के लिए मोटिवेशन बना रहे इसलिए हमें why भी पता होना चाहिए कि हम गलती क्यों सुधारना चाहते हैं और पेपर पर why लिख लीजिए इस लिस्ट को हमेशा अपने साथ लेकर चलिए और इस लिस्ट को हर हफ्ते अपडेट कीजिए यह सबसे अच्छा तरीका है बिना शर्मिंदगी महसूस किए अपनी गलतियों पर काम करने का।
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