मुगल काल का इतिहास और तथ्य – Mughal’s History and facts in hindi
मुगल काल का इतिहास,तथ्य और जानकारी
सन 1526 से सन 1857 तक भारतीय उपमहाद्वीप में मुगलों ने शासन किया मुगल वंश की शुरुआत करने वाला और पहला मुगल बादशाह बाबर था जो उज़्बेकिस्तान से भारत आया था आगे चलकर इस वंश में हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां, और औरंगजेब जैसे बादशाह हुए आप मुगलों के बारे में इस पोस्ट में ऐसी बातें जानेंगे जो आपको हैरान कर देंगी।
मुगल काल में अपराधी को मृत्युदंड देने का जो आम तरीका था वह बड़ा ही भयानक था अगर किसी को मौत की सजा सुनाई जाती तो उसे जमीन पर लेटा दिया जाता और हाथी अपने पैरों से उसका सीना तोड़ देता और उसका सर कुचल देता था।
• कोहिनूर हीरे के बारे में तो आप सभी जानते होंगे आज आप उससे भी बहुमूल्य चीज जानेंगे जो कभी हमारे हिंदुस्तान में थी और आज जिसके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते। तख्त ऐ ताऊस जोकि हीरे जवाहरात से जुड़ा एक बेशकीमती सिंहासन था जिसे बादशाह शाहजहां ने बनवाया था।
• तख्त ऐ ताउस अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ मोर होता है इसलिए इसे मयूर सिंहासन भी कहा जाता था तख्ते ताऊस की कीमत 17 वी सदी में भी करोड़ों में आंकी गई थी और इसे बनाने में 7 साल लगे थे सारा सिंहासन बेशकीमती मूर्तियां हीरे जवाहरात और सोने से जड़ा था खास मौकों पर ही वह राज दरबार मैं लाया जाता था।
• इतिहास में ऐसा अद्भुत सिंहासन आज तक ना तो शाहजहां से पहले ओर ना ही उसके बाद किसी राजा महाराजा ने बनवाया, ईरान के बादशाह नादिरशाह ने जब दिल्ली पर हमला किया तो सारे धन दौलत लूटने के साथ-साथ ही उसने तख्त ऐ ताऊस को भी अपने साथ ईरान ले गया सन 1747 में नादिर शाह की हत्या हो गई और इसके बाद अचानक यह सिहासन गायब हो गया तब से लेकर आज तक इसका कोई अता पता नहीं है कि यह कहां है।
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• किसी जमाने में दुनिया का सबसे बेशकीमती हीरा कोहिनूर शाहजहां के तख्ते ताऊस पर जढ़ा हुआ था कोहिनूर के बारे में यह कहा जाता था कि जो इस हीरे का मालिक है वह पूरी दुनिया का मालिक है उस जमाने में कोहिनूर की कीमत कितनी थी कि उसे बेचकर पूरी दुनिया को ढाई दिनों तक खिलाया जा सकता था, सन 1739 तक यह हीरा मुगलों के पास रहा फिर ईरान का बादशाह नादिरशाह धोखे से मुगल बादशाह मोहम्मद शाह से पगड़ी बदलकर यह हीरा चुरा ले गया यह हीरा कई मुगल बादशाह और इरानी बादशाहों से होकर अंत में अंग्रेजों के अधिकार में चला गया और आज भी उन्हीं के पास है।
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• अकबर की सबसे बड़ी कामयाबी थी उसका बसाया गया बहुत बड़ा शहर “फतेहपुर सीकरी” जिसे पहाड़ी पर बसाया गया था जहां पहले कोई बस्ती नहीं थी सन 1584 में एक अंग्रेजी यात्री रोल पिच भारत आया था, जिसने लिखा था कि फतेहपुर सीकरी लंदन से भी बड़ा शहर था, अकबर कामयाब बादशाह होने के साथ-साथ कलाप्रेमी भी था इस शहर का निर्माण अकबर ने अपनी निगरानी में करवाया था मूरख बंदे को देश का नक्शा बनवाने में मदद की थी पहले मुगल साम्राज्य की राजधानी आगरा थी फिर फ़तेहपुर सीकरी को नई राजधानी बनाया गया फतेहपुर सीकरी 1575 से लेकर 1585 तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रहा और पानी की कमी के वजह से सिर्फ 15 साल में यह शहर छोड़ दिया गया पुरी राजधानी को फिर से आगरा ले जाया गया, इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं किया गया कि सिर्फ एक इंसान के सपने से इतना बड़ा शहर बसाया गया हो और सिर्फ 15 साल में ही उसे वीरान कर दिया गया हो।
• दुनिया का सबसे बड़ा दरवाजा बादशाह अकबर ने बनवाया था आगरा से 36 किलोमीटर दूर फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा दुनिया का सबसे बड़ा प्रवेश द्वार है बुलंदी शब्द का अर्थ होता है महान या ऊंचा इस दरवाजे को अकबर ने सन 1601 में बनवाया था यह 177 फुट ऊंचा है।
• हुमायूं जो कि बाबर का बेटा था और जो दूसरा मुगल बादशाह बना वह अफीम का बहुत बड़ा शौकीन था और अफीम ही उसकी मौत की वजह बनी एक दिन जब वह अफीम के नशे में था तो लाइब्रेरी की सीढ़ियों से गिरकर उसकी मृत्यु हो गई।
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• अकबर सभी धर्मों का सम्मान करता था उसने आपसी एकता को बढ़ावा दिया उसके शासनकाल के दौरान हिंदुओं को ऊंची पदवी मिलती थी उससे पहले के बादशाहो द्वारा हिंदुओं पर लगाया जाने वाला जजिया कर उसने हटवा दिया था उसने राजपूत रानी जोधा से शादी की लेकिन उसे कभी मुसलमान नहीं बनाया यहां तक की रानी जोधा बाई के लिए उसने फतेहपुर सीकरी में मंदिर भी बनवाया, 1581 में अकबर ने एक नया धर्म बनाया था जिसका नाम है दीन ए इलाही इसमें अकबर ने सभी धर्मों की मूल बातों को मिला दिया जिसमें प्रमुख धर्म थे हिंदू, इस्लाम, जैन, पारसी, ईसाई अकबर ने खुद भी इस धर्म को अपनाया लेकिन इस धर्म को ज्यादा प्रसिद्धि नहीं मिली और अकबर के अलावा बीरबल ही मृत्यु तक इस धर्म का अनुयाई रहा और अकबर के बाद सिर्फ 19 लोगों ने इसे अपनाया था।
• सभी मुगल शासकों में सिर्फ औरंगजेब ही ऐसा बादशाह था जो अपने इस्लामिक नियमों के चलते शराब नहीं पीता था लेकिन साथ ही उसे मुगल इतिहास का सबसे क्रूर बादशाह भी माना जाता है गैर मुस्लिमों पर लगने वाले जजिया कर को अकबर ने खत्म कर दिया था उसे औरंगजेब ने फिर से लागू करवाया यहां तक कि औरंगजेब ने अपने तीन भाइयों को मौत के घाट उतार दिया उसी समय के कवियों ने भी अपनी कविता में औरंगजेब के अत्याचारों का उल्लेख किया है।
• कहा जाता है कि हुक्का मुगल काल की खोज है 16 वीं सदी में यूरोपियन भारत में तंबाकू लेकर आए और इसके बाद फतेहपुर सीकरी में अकबर के एक ईरानी डॉक्टर अबुल फतेह गिलानी ने हुक्के की खोज की थी।
• मुगल सल्तनत की नींव रखने वाला बाबर एक पैदाइशी योद्धा था वह अपने पिता की ओर से तैमूर लंग का पांचवा वंशज था और अपनी मां की ओर से चंगेज खान का 14वां वंशज था जब वह 12 साल का था तो उसे विरासत में परगना शहर मिला और वह वहां का बादशाह बना इसके 2 साल बाद जब वह 14 साल का हुआ तो उसने उज्बेकिस्तान के शहर समरकंद पर हमला कर उस पर कब्जा कर लिया सन 1505 तक वह कई जंग लड़ चुका था तब उसकी उम्र सिर्फ 22 साल थी अब उसकी नजर भारत पर थी अगले 20 साल तक बाबर भारत पर कब्जा करने की कोशिश करता रहा लेकिन नाकाम रहा सन 1526 में उसने दिल्ली को निशाना बनाया उस वक्त दिल्ली पर इब्राहिम लोदी का राज्य था बाबर को लगा कि अगर वह इब्राहिम लोदी को गद्दी से हटा सकता है तो वह वहां कब्जा जमा सकता है लोदी की सेना में 100000 जवान थे और बाबर के पास सिर्फ 12000 मगर बाबर की सेना बेहद खतरनाक बंजारे लड़ाकों की थी उनमें गजब का भाई जा रहा था बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच दिल्ली से 40 किलोमीटर दूर पानीपत में युद्ध हुआ बाबर को युद्ध में रणनीति बनाने में महारत हासिल थी उसने ऐसा जाल बिछा रखा था जेेसे वह लोदी का शिकार करने वाला हो।
20 अप्रैल 1526 शुक्रवार की सुबह थी और इब्राहिम लोदी उसके जाल में फस गया लोदी के 100000 जवान और एक हजार हाथी बाबर के बिछाए जाल की ओर चल दिए उसने लोदी की सेना को उस मौत के घेरे के अंदर घेर लिया जहां से उनके पास भागने का कोई रास्ता नहीं था बाबर के जवानों ने लोदी की सेना पर हमला करना शुरू किया उसकी तोपो ने लोदी के हाथियों को बेकाबू कर दिया जिससे वह अपने ही सेना के जवानों को कुचलने लगे इससे चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई और तब बाबर के तीरंदाज ने चारों तरफ तीरो की बौछार कर दी बाबर जीत गया और इब्राहिम लोदी को उसने मौत के घाट उतार दिया बाबर को लोग लड़ाके के रूप में तो जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते कि वह एक बहुत अच्छा लेखक भी था।
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