निकोला टेस्ला कौन थे – Who was nikola tesla
एक महान वैज्ञानिक जो अपने आविष्कारों से दुनिया में क्रांति ले आए सर्बिया में पैदा हुए सर निकोला टेस्ला वह साइंटिस्ट थे जिनको लोग आज एक सनकी साइंटिस्ट के रूप में जानते हैं। जिन के आविष्कार के बिना आज की दुनिया की कल्पना करना भी मुश्किल होता इस पोस्ट में आप निकोला टेस्ला से जुड़ी ऐसी बातें जानोगे जिन्हें सुनकर आप दंग रह जाओगे।
• टेस्ला की याददाश्त फोटोग्राफिक थी वह जो भी एक बार देख लेते या पढ़ लेते वह उनके दिमाग में छप जाता था अगर वह किसी किताब को पढ़ते तो पूरी किताब वर्ल्ड टू वर्ल्ड याद रख लेते थे।
• टेस्ला जो भी सोचते थे या किसी नए अविष्कार का आइडिया उनके मन में आता तो वह उसे लिखने में अपना वक्त जाया नहीं करते थे बल्कि सीधे उस आईडिया पर प्रयोग करना शुरू कर देते थे।
• सर निकोला टेस्ला को 8 भाषाओं का ज्ञान था English, French, Czech, Serbo-Croatian, German, Hungarian, Latin, Italian सभी भाषाओं को बोले लेते थे।
• टेस्ला को अगर किसी भी आविष्कार का आईडिया आता तो उस आविष्कार को वह पूरी तरह से अपने दिमाग में तैयार कर लेते थे पूरी सटीकता के साथ आविष्कार के सभी पहलुओं यानी उसका आकार उसकी माप उसकी लंबाई चौड़ाई क्या होगी सभी आयामों की तस्वीर उनके दिमाग में तैयार हो जाती थी। यहां तक कि उस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने से पहले ही उसका अंतिम रूप भी उनके दिमाग में तैयार हो जाता था इसे पिक्चर थिंकिंग कहा जाता है।
• टेस्ला की मां Duka Tesla पढ़ी लिखी नहीं थी लेकिन वह गजब की कारीगर थी वह हाथों से मशीनें औजार और घरेलू साज सामान बनाने में माहिर थी। वह धागों से हर तरह की कलाकारी कर लेती थी टेस्ला अपनी क्रिएटिविटी और फोटोग्राफिक मेमोरी का श्रेय अपनी मां को देती थे और कहते थे कि यह प्रतिभा उन्हें विरासत में मिली है।
• स्कूल के समय में ही टेस्ला मैथ की मुश्किल से मुश्किल प्रॉब्लम को ही अपने दिमाग में कैलकुलेशन करने में माहिर थे वह दिमाग मैं ही इंटीग्रल कैलकुलस कर लेते थे उनके टीचर्स को लगता था कि टेस्ला चीटिंग करते हैं।
• एक दिन टेस्ला जब अपनी लैब में काम कर रहे थे तो उनके रिसीवर में उन्होंने कुछ आसामान्य से सिग्नल को देखा इसको देखकर टेस्ला का अनुमान था कि यह सिग्नल दूसरे प्लेनेट से आए थे और उनका किसी दूसरे ग्रह से संपर्क जुड़ा था टेस्ला ने इस बात का जिक्र दिसंबर 1899 में एक रिपोर्टर को लिखे अपने लेटर में भी किया था।
• 1934 में टेस्ला ने रिपोर्टर्स को बताया कि उन्होंने एक ऐसा महा हथियार डिजाइन किया है जो सभी युद्ध को खत्म कर देगा जिसे Death ray कहा गया टेस्ला ने बताया कि यह एक रक्षात्मक हथियार है इसे देश के बॉर्डर पर लगाया जा सकता है और दुश्मन की सेना और उनके हेलीकॉप्टर को वही मार गिराया जा सकता है टेस्ला ने अपनी जिंदगी के दौरान इस बारे में कभी नहीं बताया कि यह सुपर वेपन कैसे काम करेगा।
• टेस्ला ने ताउम्र शादी नहीं की वह कहते थे उनका ब्रह्मचार उनके आविष्कार में मददगार रहा है बाद के सालों में टेस्ला ने एक रिपोर्टर से बात करते समय यह कहा था कई बार वह यह महसूस करते हैं की शादी ना करके उन्होंने साइंस के लिए एक कुर्बानी दी है।
• टेस्ला का जन्म सर्बिया के एक धार्मिक परिवार में हुआ था उनके पिता एक पादरी थे और वह चाहते थे कि टेस्ला भी पादरी बने लेकिन टेस्ला को इसमें दिलचस्पी नहीं थी।
• 17 की उम्र में टेस्ला को हैजा हो गया कई बार वह मरते मरते बचे 8 से 9 महीने वह बिस्तर में ही पड़े रहे टेस्ला के फादर जो कि उन्हें पादरी बनाना चाहते थे निराशा के पलों में उन्होंने टेस्ला से वादा किया कि अगर वह इस बीमारी से निजात पाते हैं तो वह उनका एडमिशन एक इंजीनियरिंग कॉलेज में करवाएंगे टेस्ला स्वस्थ हुए और उनके पिता ने वादा पूरा किया।
• बचपन में टेस्ला को उनकी जिंदगी में बीत चुके दिन उनकी आंखों के सामने बार-बार आते थे मतलब बीत चुकी घटना फिल्म की तरह उनके दिमाग में चलती थी।
• जब दुनिया संचार के बारे में सोच भी नहीं रही थी उस वक्त टेस्ला वायरलेस कम्युनिकेशन की बात कर रहे थे वह अपने समय से बेहद आगे थे वायरलेस टेक्नोलॉजी से जुड़ी उनकी डिस्कवरीज की वजह से ही आज स्मार्टफोन का वजूद संभव हो पाया है।
• 1896 एक पब्लिक इवेंट में टेस्ला की मुलाकात स्वामी विवेकानंद जी से हुई 13 फरवरी 1896 को अपने एक दोस्त को लिखे लेटर में स्वामी विवेकानंद ने इस बात का जिक्र किया था की दोनों की इस टॉपिक पर बात हुई थी कि कैसे टेस्ला के एनर्जी को लेकर आइडियाज वेदांती कॉस्मोलॉजी से काफी मिलते हैं।
• टेस्ला ने एक रेडियो कंट्रोल नाव बनाई थी जो रिमोट से चलती थी रेडियो कंट्रोल सिस्टम में रेडियो द्वारा ट्रांसमिट किए गए सिग्नल से डिवाइस को रीमोटली कंट्रोल किया जाता था टेस्ला अपना यह आईडिया यूएस मिलिट्री को बेचना चाहते थे कि वह इसका इस्तेमाल युद्ध में रेडियो कंट्रोल टॉरपीडो के रूप में कर सकते हैं लेकिन यूएस मिलिट्री ने इसमें इंटरेस्ट नहीं दिखाया पहले विश्वयुद्ध तक रेडियो रिमोट कंट्रोल के बारे में लोग नहीं जानते थे और पहले विश्व युद्ध के बाद जब इसके बारे में जानकारी पड़ी तब तक कई देशों ने अपने मिलिट्री प्रोग्राम में इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था।
• सन 1898 में न्यूयॉर्क में हुए एक इलेक्ट्रिकल एग्जीबिशन के दौरान टेस्ला पहली बार रिमोट से चलने वाली इस नाव को लोगों के सामने लेकर आए जब वहां खड़े लोग इसे देखने लगे तो किसी को भी यकीन नहीं हुआ और कहने लगे कि यह तो कोई मैजिक है या फिर टेस्ला ने किसी ट्रेंड बंदर को नाव में बैठा रखा है।
• अपने स्वास्थ्य के लिए टेस्ला हर रोज 13 से 16 किलोमीटर पैदल चलते थे।
• टेस्ला को कबूतर से बड़ा गहरा लगाव था वह हर रोज उनको दाना डालते थे टेस्ला अपने होटल की खिड़की से भी कबूतरों को खिलाते थे वे कहते थे कि एक सफेद मादा कबूतर से उन्हें बेहद प्रेम था वैसे ही जैसे कोई अपनी प्रेमिका से प्यार करता है।
• टेस्ला अपनी जिंदगी के अंतिम सालों में शाकाहारी बन चुके थे उन दिनों वह सिर्फ मिल्क, ब्रेड, हनी और वेजिटेबल जूस ही लेते थे।
• 1884 मैं टेस्ला ने थॉमस एडिसन की कंपनी में काम किया एडीसन ने टेस्ला को ऑफर दिया की अगर वह इंवेंशन जेनरेटिंग डायनेमोस को मॉडिफाई करता है तो वह उसे $50000 देगा उस जमाने में यह बड़ी रकम थी टेस्ला ने दिन के 16 – 16 घंटे काम किया और एडिशन को एक बेहतरीन वर्जन बना कर दिया बाद में टेस्ला ने एडिशन की कंपनी छोड़ दि और खुद की कंपनी को एस्टेब्लिश किया टेस्ला ने एडिशन की कंपनी को क्यों छोड़ी थी इसकी वजह साफ नहीं हो पाई लेकिन एक कहानी कहती है कि एडीसन ने जो टेस्ला को $50000 देने का वादा किया था टेस्ला की इतनी मेहनत करने के बावजूद भी वह उनको नहीं दिए गए और एडीसन ने यह कहकर टेस्ला को पैसे देने से इनकार कर दिया की टेस्ला तुम हम अमेरिकन के मजाक को भी नहीं समझते।
• आज हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में जिस बिजली का उपयोग करते हैं उसका श्रेय भी टेस्ला को ही जाता है टेस्ला में अल्टरनेटिंग करंट (AC) को दुनिया के सामने रखा एडिशन डायरेक्ट करंट (DC) को बेहतर मानते थे जबकि टेस्ला अल्टरनेटिंग करंट को
डायरेक्ट करंट बिजली की उस धारा को कहते हैं जो एक ही दिशा में बहती है डायरेक्ट करंट बल और मोटर चलाने के लिए तो अच्छा था लेकिन इससे लंबी दूरी तक पावर ट्रांसमिशन करना पॉसिबल नहीं था जबकि AC सिस्टम में लगातार बिजली और अपनी दिशा बदलती रहती है AC सिस्टम से दूर-दूर तक बड़ी आसानी से बिजली पहुंचाई जा सकती थी टेस्ला ने एडिशन की DC सिस्टम की खामियों को दुनिया के सामने लेकर आए।
दोनों में इस बात को लेकर काफी बहस हुई थी जिसको इतिहास में वार ऑफ करंट के नाम से जाना जाता है आज पूरी दुनिया में एसी सिस्टम के द्वारा ही पावर सप्लाई करवाई जाती है।
• हर साल टेस्ला के नाम पर निकोला टेस्ला पुरस्कार दिया जाता है यह पुरस्कार उन इन्वेंटर्स को दिया जाता है जो इलेक्ट्रिक पावर की इन्वेंशन और यूटिलाइजेशन में कंट्रीब्यूट करते हैं।
• यह माना जाता है कि टेस्ला के द्वारा 300 अलग-अलग आविष्कार किए गए थे या उन आविष्कारों में टेस्ला का योगदान था इस बात पर बहस होती रही है कि टोटल कितने पेटेंट्स टेस्ला के नाम दर्ज हैं दुनिया भर के 26 देशों से कम से कम 278 पेटेंट्स टेस्ला के नाम जारी किए गए हैं।
• हैरानी होती है इतने महान इन्वेंटर्स होने के बाद भी टेस्ला नोबेल प्राइज नहीं जीत पाए।
• 7 जनवरी 1943 को न्यूयॉर्क के होटल नंबर 33 27 में टेस्ला मृत पाए गए अपने अंतिम दिनों में उन्होंने लोगों से मिलना बिल्कुल बंद कर रखा था उन्होंने अपने कमरे के दरवाजे पर डू नॉट डिस्टर्ब का साइन लगा रखा था।
सर निकोला टेस्ला एक महान साइंटिस्ट थे उनमें वैज्ञानिक प्रतिभा कूट-कूट कर भरी थी लेकिन चुपचाप रहने वाले इस व्यक्ति में सामाजिक और व्यापारिक कुशलता नहीं थी इसलिए वह कभी एडिशन जितने फेमस नहीं हो पाए टेस्ला ने कई महान खोजें की लेकिन कभी भी उन्हें पूरा क्रेडिट नहीं मिला।