गैलीलियो के बारे में रोचक जानकारी | Fact about galileo Galilei in hindi

गैलीलियो के बारे में रोचक जानकारी | Fact about galileo Galilei in hindi


गैलीलियो के बारे में रोचक जानकारी | Fact about galileo Galilei in hindi

गैलीलियो के बारे में रोचक जानकारी, तथ्य | Fact about galileo Galilei in hindi


आज आप जानेंगे उस महान साइंटिस्ट गैलीलियो गैलीली के बारे में जिनके मरने के 350 साल बाद तक भी उन पर बैन लगा रहा, अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग जैसे वैज्ञानिक जिसे वह अपना आदर्श मानते थे। आज आप गैलीलियो के बारे में 30 ऐसी बातें जानेंगे जो पहले ही आपने सुनी होंगी।


18 फरवरी 1564 को इटली के महान पेंटर और कवि Michelangelo की मृत्यु हुई।


गैलीलियो गैलिली कौन थे?


Michelangelo की मृत्यु के ठीक 3 दिन पहले 15 फरवरी 1564 को इटली के महान वैज्ञानिक गैलीलियो गैलीली का जन्म हुआ था।

गैलीलियो इटली के एक वैज्ञानिक थे इनका पूरा नाम गैलीलियो गैलिली(Galileo galilei) है। गैलीलियो एक; एस्ट्रोनॉमर, फिजिसिस्ट, इंजीनियर, फिलॉस्फर और मैथमेटिशियंस भी थे। गैलीलियो को Father of observational astronomer, Father of Modern physics, Father of Scientific Method, Father of Modern science भी कहा जाता है।


●•● जिस साल गैलीलियो की मृत्यु हुई थी उसी साल सर आइज़क न्यूटन का जन्म हुआ था दोनों ने फिजिक्स को स्टडी किया था न्यूटन ने गैलीलियो द्वारा फिजिक्स में किए गए काम को आगे बढ़ाया और इसीलिए कुछ लोग न्यूटन को गैलीलियो का पुनर्जन्म भी कहते हैं।


●•● अरस्तु का कहना था कि अगर दो चीजों को ऊंचाई से एक साथ नीचे छोड़ा जाए तो उन दोनों में से जो भारी चीज होगी वह हल्की से पहले जमीन पर गिरेगी गैलीलियो अरस्तु की इस बात को सही नहीं मानते थे उनका कहना था कि भारी और हल्की दोनों चीजें एक साथ जमीन पर आती हैं इस को साबित करने के लिए गैलीलियो ने पीसा की मीनार पर खड़े होकर दो हल्की और भारी चीजों को एक साथ नीचे छोड़ा था और दोनों एक साथ ही जमीन पर गिरी थी।

कुछ इतिहासकार कहते हैं कि ऐसा करने की गैलीलियो ने सोची थी लेकिन ऐसा गैलीलियो ने किया नहीं था गैलीलियो के टाइम के कुछ लेखकों ने इस बात का जिक्र किया है।


●•● स्टीफन हॉकिंग ने कहा था कि मॉडल साइंस के जन्म के लिए सबसे ज्यादा योगदान गैलीलियो का है, वहीं अल्बर्ट आइंस्टीन ने गैलीलियो को “फादर ऑफ मॉडर्न साइंस” कहकर संबोधित किया था।


●•● गैलीलियो और उनके परिवार का सरनेम पहले गैलीली नहीं था 14 वी सदी में गैलीलियो के एक पूर्वज हुए थे जिनका नाम गैलीलियो बोनेयूटी था। यह एक फिजीशियन, यूनिवर्सिटी टीचर और पॉलिटिशियन थे। इनके ओनर में 14 वीं सदी के आखिरी में अपना सरनेम बदलकर बोनेयुटी से गैलीली कर लिया था तभी से पहले नाम से ही आगे चलकर उनके परिवार का सरनेम गैलीली बना।


●•● अब आप सोच रहे होंगे कि गैलीलियो गैलीली का जो पहला नाम है वह उनके पूर्वज गैलीलियो बोनीयूटी के नाम पर रखा गया है नहीं..! दरअसल मध्य की सोलवीं सदी तक इटली के Tuscany परिवार में यह परंपरा थी कि वह अपने सबसे बड़े बेटे का नाम अपने सरनेम पर रख देते थे इसीलिए सरनेम की गैलिली से ही वैज्ञानिक का नाम गैलीलियो पड़ा है।


●•● गैलीलियो ने शादी नहीं की लेकिन वह वेनिस शहर की एक सुंदर औरत मरीना कांबा के काफी करीब थे और मरीना के साथ उनके तीन बच्चे थे दो लड़कियां और एक लड़का।


●•● गैलीलियो एक धार्मिक इंसान थे वह पक्के कैथोलिक ईसाई थे लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपने तीन बच्चों की मां से कभी शादी नहीं की यह धर्म के खिलाफ था कि गैलीलियो ने ने शादी क्यों नहीं कि। अमेरिका की एक राइटर dava sobel अपनी बुक गैलीलियो डॉटर में लिखती हैं कि उन दिनों शादी ना करना महान लोगों में एक ट्रेडीशन था जैसे रेनेसेन्स के कई बड़े दिग्गजों मिकलांजलो, लिओनार्दो द विंची, और निकोलस कोपरनिकस ने भी शादी नहीं की थी।


●•● क्योंकि गैलीलियो की बेटियां बगैर शादी किए जन्मी थीं इसीलिए गैलीलियो मानते थे कि उनकी शादी नहीं की जा सकती और वह यह सोचते थे अगर शादी करनी भी पड़ी तो उन्हें भारी दहेज देना पड़ेगा गैलीलियो की इनकम इतनी नहीं थी कि वह इतना दहेज दे सकें आखिर में गैलीलियो ने यह निश्चित किया कि उनके लिए बेटियों को धार्मिक जीवन बिताना ही सही रहेगा और उन्होंने अपनी बेटियों को कान्वेंट में भेज दिया जहां उन्होंने अपनी सारी जिंदगी बताई।


●•● आमतौर पर यह माना जाता है कि गैलीलियो ने टेलिस्कोप का आविष्कार किया था लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है होलैंड के एक शख्स थे जिनका नाम Hens lippenshey था यह आंखों के चश्मे बनाने का काम करते थे इनको ही टेलीस्कोप के अविष्कारक के लिए क्रेडिट दिया जाता है।

सन 1608 में lippenshey ने अपने टेलिस्कोप का आविष्कार को पेटेंट करवाने के लिए एक एप्लीकेशन दी लेकिन होलेंड सरकार ने सोचा कि टेलिस्कोप जैसी आविष्कार को कॉपी करना बेहद आसान है क्योंकि lippenshey के द्वारा दी गई एप्लीकेशन के कुछ ही दिनों बाद होलेंड के एक और इंस्ट्रूमेंट बनाने वाले शख्स ने उसी डिवाइस को पेटेंट करवाने की कोशिश की दोनों में से किसी भी पेटेंट को स्वीकार नहीं किया गया लेकिन क्योंकि lippenshey की एप्लीकेशन सबसे पहले थी इसीलिए उन्हीं को आविष्कार के लिए क्रेडिट दिया जाता है।


●•● 1609 मैं गैलीलियो को टेलिस्कोप के आविष्कार के बारे में पता चला ओर उन्होंने खुद का टेलीस्कोप बना दिया उन्होंने पहले वाले टेलिस्कोप के कंपेयर में एक बेहतर टेलीस्कोप बनाया उसमें काफी कुछ सुधार किए। गैलीलियो ने टेलिस्कोप का आविष्कार तो नहीं किया लेकिन हां वह पहले ऐसे इंसान थे जिन्होंने पहली बार किसी ऑप्टिकल इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल आसमानी चीजों को स्टडी करने के लिए किया था।


●•● गैलीलियो के जमाने में यह अंधविश्वास था कि चांद का सरफेस स्मूथ होता है गैलीलियो ने टेलीस्कोप से यह पता लगाया कि चांद की सतह स्मूथ नहीं है बल्कि उस पर गड्ढे और पहाड़ हैं और इस तरह गैलीलियो ने पुरानी मान्यताओं को उखाड़ फेंका।


●•● 13 मार्च 1610 को गैलीलियो ने the starry messenger नाम की एक पुस्तिका को पब्लिश किया यह इतिहास का पहला साइंटिफिक वर्क्स था जिसमें टेलिस्कोप के द्वारा की गई ऑब्जर्वेशंस को दिखाया गया था।


●•● इटली के फ्लोरेंस में istituto E museo di storia della scienza नाम से एक म्यूजियम था 10 जून 2010 को गैलीलियो के ऑनर ने इस म्यूजियम का नाम बदलकर म्युजिओ गैलीलियो कर दिया। 


●•● गैलीलियो को हुए 400 साल बीत जाने के बाद आज भी गैलीलियो का टेलीस्कोप बचा हुआ है यह फ्लोरेंस के गैलीलियो म्यूजियम में रखा हुआ है म्यूजियम में गैलीलियो के द्वारा बनाए गए दो टेलीस्कोप और ऑब्जेक्टिव लेंस रखे हैं इसी से गैलीलियो ने जुपिटर ग्रह के चार चंद्रमा को खोजा था।


●•● गैलीलियो ने अपनी ऑब्जरवेशन में पाया कि निकोलस कोपरनिकस सही है, निकोलस कोपरनिकस गैलीलियो से पहले 15वीं सेंचुरी में एक साइंटिस्ट हुए थे। जिन्होंने सबसे पहले कहा था कि यूनिवर्स का सेंटर सूर्य है और पृथ्वी सहित सारे ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं। गैलीलियो ने भी कोपरनिकस की थ्योरी को सपोर्ट किया इससे पहले लोग यही मानते थे कि पृथ्वी यूनिवर्स का सेंटर है और सूरज सहित सारे ग्रह पृथ्वी का चक्कर लगाते हैं। उस वक्त के एस्ट्रोनोमर ने गैलीलियो की इस बात का विरोध किया 1615 में इस सारे विवाद की रोमन कैथोलिक चर्च ने जांच की, कैथोलिक चर्च ने कोपरनिकस की थ्योरी को बेतुकी कहकर उसे धर्म विरोधी घोषित कर दिया क्योंकि या थ्योरी बाइबल में लिखी गई कुछ बातों का खंडन कर रही थी।


●•● 1632 को गैलीलियो ने एक बुक लिखी थी इस बुक में गैलीलियो ने अपनी बात को डिफाइन किया इसके बाद गैलीलियो पर मुकदमा चलाया गया जिसमें उन्हें धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने के लिए दोषी माना गया।


●•● दोषी पाए जाने के बाद गैलीलियो को मजबूर किया गया कि वह सभी के सामने अपना बयान वापस लें और कहे कि उनकी थ्योरी; की पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है.. गलत है..! कहा जाता है कि जब गैलीलियो ने अपनी गलती मानी तब वह बेहद दुखी थे अपना बयान वापस लेने के बाद गैलीलियो ने नीचे देखते हुए यह वाक्य कहा था “और यह अभी भी घूम रही है”।


●•● गैलीलियो को पहले तो उम्र कैद की सजा सुनाई गई लेकिन बाद में उनकी सजा को उम्र कैद से हाउस अरेस्ट में बदल दिया गया और कहा गया कि वह बची हुई अपनी सारी जिंदगी अपने घर के अंदर रहकर ही बिताएंगे।


●•● Bartolomeo isteban Murillo जो कि एक स्पेनिश पेंटर थे गैलीलियो के मरने के 2 साल बाद इन्होंने गैलीलियो की एक पेंटिंग बनाई थी पेंटिंग में दिखाया गया है कि गैलीलियो जेल के अंदर बैठे हैं मानो वह किसी गहरी सोच में हो जब 1911 में इस पेंटिंग को रिस्टोर किया गया तो पता चला कि वह किसी सोच में नहीं बैठे हैं बल्कि वह एकटक होकर जेल की दीवारों पर खुद हुए शब्दों को देख रहे हैं दीवार पर लिखा है “और यह अभी भी घूम रही है” लेकिन इस तस्वीर में इन शब्दों को नहीं देखा जा सकता।


●•● गैलीलियो ने अपने अंतिम साल अपने घर में नजरबंद होकर बिताए इसी समय उन्होंने अपना ज्यादातर वक्त अपनी बुक लिखने में बिताया जिसका नाम था two new sciences उन पर लगे बैन के चलते वह इटली मैं तो अपनी बुक को नहीं पब्लिश कर पाए लेकिन उनकी बुक 1638 में होलैंड में पब्लिश हुई।


➡ लिओनार्दो दा विंची के बारे में रोचक जानकारी


●•● हाउस अरेस्ट के दौरान गैलीलियो के कई चाहने वाले उनसे मिलने आते थे उनसे मिलने आने वालों में यूरोप की दो बड़ी हस्तियों का नाम भी शुमार है; फिलॉस्फर थॉमस हॉब्स और, पोएट जॉन मिल्टन यह दोनों गैलीलियो के हाउस अरेस्ट के दिनों में उनसे मिलने आए थे।


●•● सन 1638 में गैलीलियो पूरी तरह से अंधे हो चुके थे और इसके ठीक 4 साल बाद 8 जनवरी 1642 को गैलीलियो की मृत्यु हो गई।


➡ मोनालिसा पेंटिंग का रहस्य


●•● गैलीलियो की मृत्यु के बाद Tuscany शहर के नवाब ने चाहा की गैलीलियो को फ्लोरेंस के एक चर्च में दफनाया जाए जहां गैलीलियो के फादर की भी कब्र थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका वहां के पोप ने इस बात का विरोध किया क्योंकि कैथोलिक चर्च ने गैलीलियो को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए सजा सुना रखी थी इसीलिए गैलीलियो को चर्च के पास ही कहीं और दफनाया गया लेकिन गैलीलियो के मरने के करीब एक सदी बाद 1737 में चर्च के अंदर गैलीलियो का एक स्मारक बनाया गया और इसी दौरान गैलीलियो के अवशेष को निकालकर चर्च में दफना दिया गया।


●•● गैलीलियो का शव निकालने के बाद उसे फिर से दफनाने से पहले उनके शरीर से उनकी तीन उंगलियां और एक दांत निकाल लिया गया इनमें से गैलीलियो की एक उंगली फ्लोरेंस के म्यूजियम में रखी है।


➡ सर निकोला टेस्ला के बारे में रोचक जानकारी


●•● म्यूजियम में गैलीलियो की उंगली को ऐसे रखा गया है मानो वह रोम की तरफ इशारा कर रही हो वही रोम जहां गैलीलियो पर मुकदमा चलाया गया था।


●•● 1989 में नासा और जर्मनी की एक टीम ने जुपिटर ग्रह और उसके चांद को स्टडी करने के लिए एक स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया ओर गैलीलियो गैलीली के सम्मान में इस स्पेसक्राफ्ट को गैलीलियो नाम दिया गया।


➡ अडोल्फ हिटलर के बारे में रोचक तथ्य


●•● 1992 में यानी गैलीलियो की मृत्यु के ठीक 350 साल बाद कैथोलिक चर्च के पोप जॉन पौल ने यह माना की गैलीलियो सही थे पोप ने यह माना की गैलीलियो के केस में चर्च से गलती हुई थी चर्च ने उनके साथ ठीक नहीं किया था।


➡ न्यूटन के बारे में जानकारी और ज़िंदगी से जुड़े तथ्य 

➡ सिकंदर महान से जुड़े तथ्य

➡ ओशो के बारे में तथ्य