20+ अधिकार पर सुविचार |Adhikaar Par Suvichar Hindi
20+ अधिकार पर सुविचार |Adhikaar Par Suvichar Hindi
1.) स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा।
– बाल गंगाधर तिलक
2.) किसी को भी खुशी फैलाए बिना या खुशी का कारण बने बिना उसका आनंद लेने का अधिकार नहीं है।
– हेलन केलर
3.) संसार में सबसे बड़े अधिकार सेवा और त्याग से मिलते हैं।
– प्रेमचन्द
4.) हमारे पूर्वजों ने अधिकारों के लिए संघर्ष किया, आज की पीढ़ी को कर्तव्य के लिए संघर्ष करना है।
– सैमुअल स्माइल्स
5.) क्योंकि कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कौन हैं या हम कहां से आते हैं, हम सभी को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा, पीने के लिए साफ पानी और घर बुलाने के लिए स्वस्थ भूमि के बुनियादी मानवाधिकारों के हकदार हैं।
– मार्टिन लूथर किंग
6.) जब एक आदमी के अधिकारों को खतरा होता है तो हर आदमी के अधिकार कम हो जाते हैं।
– जॉन एफ़ कैनेडी
7.) हमारे पास यह स्वतंत्रता किस लिए है? हमें यह स्वतंत्रता हमारी सामाजिक व्यवस्था में सुधार के लिए मिल रही है, जो असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी है, जो हमारे मौलिक अधिकारों के साथ संघर्ष करती है।
– बी आर अंबेडकर
8.) दूसरों के अधिकारों की रक्षा करना मनुष्य का सबसे महान और सुंदर अंत है।
– खलील जिब्रानी
9.) लोगों को उनके मानवाधिकारों से वंचित करना उनकी मानवता को चुनौती देना है।
– नेल्सन मंडेला
10.) इंसान अपने अधिकारों के बजाय अपने स्वार्थ के लिए ही ज्यादा दम लगाता है।
– नेपोलियन बोनापार्ट
11.) लोकतंत्र में चुनाव न सिर्फ अधिकारों बल्कि जिम्मेदारियों का भी प्रतीक है।
– रॉबर्ट केनेडी
12.) अधिकार केवल एक है और वह है सेवा का अधिकार, कर्तव्य-पालन का अधिकार।
– सम्पूर्णानन्द
13.) हमारी जिंदगी के दो पहलू हैं, एक अधिकार का, दूसरा कर्तव्य का. एक के बिना दूसरा मुमकिन नहीं।
14) लोग अपने कर्तव्यों को तो भूल जाते हैं, पर अधिकारों को हमेशा याद रखते हैं।
– इंदिरा गांधी
15.) क्या अमरों का लोक मिलेगा, तेरी करुणा का उपहार? रहने दो हे देव! अरे, यह मेरा मिटने का अधिकार।
– महादेवी वर्मा
16.) जो जीवन में दूसरों के प्रति न अपने अधिकार मानता है, न कर्तव्य, वह पशु है।
– कन्हैयालाल मिश्र
17.) अधिकार के लिए जब पूरी कीमत न चुकाई जाए, तब तक यदि अधिकार मिल भी जाए तो उसे गंवा बैठेंगे।
– सरदार पटेल
18.) अधिकार और कर्त्तव्य दो पैरों की है भांति, पहले कर्त्तव्य निभाएं, फिर अधिकार मांगें, दोनों का आपसी सामंजस्य,आपके संतुलन के लिए जरूरी, आपको हमेशा ऊंचाई देंगे, हमेशा गिरने से बचाएंगे।
– महेन्द्र सिंह
19.) करेंगे सामना हर राजनीतिक चुनौती का हम कोई कायर थोड़ी हैं, टकराना पड़े तो टकराएंगे परिवारवाद से राजनीति किसी का जन्म सिद्ध अधिकार थोड़ी है।
20.) अधिकार मिलते नहीं लिए जाते हैं, आजाद हैं मगर गुलामी किये जाते हैं, वंदन करो उन सेनानियों को, जो मौत के आँचल में जिए जाते हैं।
21.) कठिन है चुनौती मगर मुझे स्वीकार है, जीत होगी जब साथ जनता का प्यार है, परिवारवाद को राजनीति से उखाड़ फेंकेंगे जो सोचते हैं राजनीति उनका जन्मसिद्ध अधिकार है।
22.) जिसने मरना सीख लिया है जीने का अधिकार उसी को, जो काँटों के पथ पर आया फूलों का उपहार उसी को।
23.) उस व्यक्ति को आलोचना करने का अधिकार है, जो सहायता करने की भावना रखता है।
24.) यहां सपने देखने का अधिकार सबको है, पर पूरे नसीब वालों के ही होते हैं।