यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए अभ्यर्थी को काफी मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन कुछ लोगों को इस परीक्षा के लिए ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। गाजियाबाद के कृष्ण कुमार सिंह भी ऐसे ही लोगों में से एक थे।
उन्हें यूपीएससी परीक्षा में असफल होने का दुख कई बार झेलना पड़ा। लेकिन उन्होंने कभी भी हिम्मत नहीं हारी। वे अपनी नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखते रहे। उनका डेडिकेशन उन्हें दो बार यूपीएससी परीक्षा में सफल करने में मदद करता रहा। और अंत में वे आईएएस अफसर के रूप में नियुक्त हुए।
कृष्ण कुमार सिंह उन लोगों लिए प्रेरणा हैं जो जिंदगी में छोटी-छोटी असफलताओं से घबरा जाते हैं। गाजियाबाद के इस लड़के ने कभी भी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी हर असफलता का उपयोग सीखने के लिए किया।
उन्होंने अपनी निजी और व्यावसायिक जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। लेकिन जब वे आईएएस अफसर बने तो उनके सारे गम, सारी कड़ी मेहनत का फल मिला। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में पांच बार हिस्सा लिया था।
कृष्ण कुमार की शिक्षा
कृष्ण कुमार सिंह ने 12वीं के बाद जेईई परीक्षा में पहली बार भाग लिया था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी। उन्होंने फिर से कोशिश करने का फैसला किया और दूसरी बार की तैयारी की। लेकिन जेईई परीक्षा में दूसरी बार भी उनकी रैंक काफी नीचे थी। इस कारण वे आईआईटी में प्रवेश नहीं पा सके। फिर उन्होंने NSIT अर्थात नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर साइंस की शाखा में अपना नाम दर्ज करवाया।
यूपीएससी की तैयारी
कृष्ण कुमार सिंह ने बीटेक की पढ़ाई खत्म करने के बाद कैंपस प्लेसमेंट में शामिल नहीं हुए। वे अपने चौथे साल में सिविल सर्विस की ओर रुख कर लिए थे। लेकिन यह रास्ता बहुत मुश्किल था। 2015 में जब वे ग्रेजुएट हुए तो उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में पहला प्रयास किया। लेकिन वह 0.66 अंकों से प्रीलिम्स में निकल नहीं पाए। दूसरे प्रयास में भी वह प्रीलिम्स में ही अटक गए थे।
कृष्ण कुमार सिंह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लगे थे, जबकि उनके दोस्त नौकरी पर थे। कुछ तो विदेश में जा बैठे थे। इससे वे उदास हो उठे थे। फिर उन्होंने रिजर्व बैंक की परीक्षा देने का निर्णय लिया। वह उसमें कामयाब होकर शिमला गए। लेकिन उनका दिल अभी भी यूपीएससी परीक्षा में उत्तीर्ण होने का चाहता था। वह बैंक की नौकरी के साथ-साथ सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी जारी रखते थे। कभी-कभी वे दिल्ली भी चले जाते थे अच्छे सामग्री के लिए।
2019 में मिली सफलता लेकिन बनना ias ही था
कृष्ण कुमार सिंह ने रिजर्व बैंक की नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा में तीसरी बार हिस्सा लिया था। लेकिन वह मेंस परीक्षा में नहीं उत्तीर्ण हो पाए थे। तब तक वे रिजर्व बैंक में ही अच्छी नौकरी की तलाश में थे। लेकिन फिर भी उन्होंने 2019 में यूपीएससी परीक्षा में चौथा प्रयास किया। इसमें उन्हें 181 रैंक मिली और वह आईपीएस में चयनित हो गए। उन्होंने आईपीएस की ट्रेनिंग ज्वाइन कर ली। लेकिन उनका दिल अभी भी आईएएस अफसर बनने की इच्छा से भरा था।
पांचवे प्रयास में बने IAS
कृष्ण कुमार सिंह ने आईपीएस बनकर भी अपना सफर जारी रखा। उन्होंने अंतिम प्रयास करने का निर्णय लिया। 2020 में उन्होंने आईपीएस की ट्रेनिंग से ब्रेक लेकर यूपीएससी परीक्षा की आखिरी तैयारी की। इस बार कोविड के कारण परीक्षा और इंटरव्यू की तारीख बदल गई। लेकिन आईपीएस में चयन होने के कारण वे इस बार ज्यादा तनाव में नहीं थे। उनका परिश्रम और धैर्य फल देता रहा। पांचवें प्रयास में उन्हें 24वीं रैंक मिली और वे आईएएस अफसर बने
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