यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा का नाम दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में लिया जाता है। इस परीक्षा के तीन चरणों को उत्तीर्ण करना कोई आसान काम नहीं है। इसलिए इस परीक्षा में केवल वही लोग सफल होते हैं, जो बहुत ही योग्य और प्रतिभाशाली होते हैं। निरीश राजपूत भी ऐसे ही एक व्यक्ति हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश से इस परीक्षा को पास किया है। चलिए जानते हैं उनकी कहानी।
नीरीश राजपूत का प्रारंभिक जीवन और परिवार
निरीश राजपूत का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ था। वे बहुत ही गरीब परिवार से थे। उनके पिता विरेंद्र राजपूत एक टेलर थे और उनके दो बड़े भाई थे जिनमें एक टीचर थे। निरीश का सपना था कि वे आईएएस बनें। इसके लिए उनके पिता और भाई ने अपनी सारी कमाई उनकी पढ़ाई में लगा दी। निरीश ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे तैयारी शुरू करने से पहले इस परीक्षा के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे। लेकिन वे यह जानते थे कि आईएएस बनने से उनकी जिंदगी बदल जाएगी।
जब दोस्त ने दिया धोखा
निरीश राजपूत का परिवार बहुत ही गरीब था। फिर भी उन्होंने बीएससी और एमएससी की परीक्षा में टॉप किया था । उनके एक दोस्त ने उन्हें अपनी कोचिंग में यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को पढ़ाने का काम दिया। उस दोस्त ने उन्हें स्टडी मैटेरियल देने का वादा भी किया । दो साल बाद, कोचिंग बहुत अच्छी चलने लगी, लेकिन निरीश की जिंदगी में मुसीबत आयी। उनका दोस्त उन्हें वहां से निकाल देता है। अब उनकी पढ़ाई का जरिया भी खत्म हो जाता है।
यूपीएससी के लिए संघर्ष और सफलता
वह बहुत निराश हुए, वे दो साल तक कुछ नहीं कर सके थे। फिर वे अपने आप को संभालते हैं। वे दिल्ली आ जाते हैं। वहां वे अपने एक मित्र से यूपीएससी की तैयारी के लिए नोट्स लेते हैं। उनके पास कोचिंग जॉइन करने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए वे दिल्ली में रहते हुए पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम जॉब भी करते थे। वे कोचिंग के बिना ही यूपीएससी की तैयारी करते हैं। हालांकि अपनी मेहनत के दम पर निरीश 370वीं रैंक हासिल कर IAS ऑफिसर बन गए।