बहुत से लोग अपनी प्राइवेट जॉब, जिसमें उन्हें लाखों-करोड़ों की सैलरी मिलती थी, त्याग कर सरकारी नौकरी का इंतजार करते हैं. आईएएस प्रतिभा वर्मा भी ऐसे ही लोगों में से एक हैं.वे उत्तर प्रदेश के एक शहर से हैं और अभी राजस्थान के कैडर में आईएएस अफसर के रूप में काम कर रही हैं.
उन्होंने आईआईटी दिल्ली से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी. उसके बाद उन्हें एक बढ़िया पैकेज वाली जॉब भी मिल गई थी लेकिन उन्होंने उसे छोड़कर यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में लग गईं. उनकी जिंदगी की ये कहानी आपको भी पढ़नी चाहिए
प्रतिभा वर्मा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
सी प्रतिभा वर्मा उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की रहने वाली हैं. उनके पिता एक सरकारी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल थे और अब रिटायर हो गए हैं. उनकी माँ एक स्कूल टीचर हैं. उन्हें अपने घर में शिक्षा का बहुत प्रोत्साहन मिला. वह बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज थीं
सी प्रतिभा वर्मा ने अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद जेईई की परीक्षा में भाग लिया था (JEE Exam). उन्हें इसमें बहुत अच्छा रैंक मिला और उन्हें आईआईटी दिल्ली में प्रवेश मिला (IIT Delhi Admission).
मीडिया के अनुसार, आईआईटी दिल्ली के प्लेसमेंट ड्राइव में प्रतिभा वर्मा को एक मोबाइल फोन कंपनी में बढ़िया पैकेज वाली जॉब मिल गई थी. वह वहां दो साल तक काम करती रहीं.
जॉब छोड़ यूपीएससी एग्जाम देने का मन बनाया और सफल हुईं
सी प्रतिभा वर्मा ने अपनी प्राइवेट जॉब छोड़कर सिविल सर्विस की ओर बढ़ने का फैसला किया था. उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी जॉब से इस्तीफा दे दिया था. वह स्कूल के ज़माने से ही NSS का हिस्सा थीं. उनके दिल में समाज सेवा का जज्बा तब से ही था. उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में सफल होकर सरकारी नौकरी पाई. इससे उनका बचपन का सपना साकार हुआ.
कैसे की तैयारी
सी प्रतिभा वर्मा ने दिल्ली में रहते हुए यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की थी. उनका चुना हुआ विषय फिजिक्स था. वह 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में पहली बार फेल हो गई थीं. फिर उन्होंने दूसरी बार फिर से कोशिश की और 489वां स्थान पाया. उन्हें IRS में नौकरी का मौका मिला था.
वह नागपुर में इनकम टैक्स कमीश्नर के पद पर काम कर रही थीं. लेकिन उनका सपना था कि वह आईएएस बनें. इसलिए उन्होंने अपनी नौकरी से छुट्टी लेकर अपना तीसरा प्रयास दिया.
बीमारी के कारण फोकस नहीं कर पाईं
सी प्रतिभा वर्मा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 2018 में उन्हें डेंगू का असर हुआ था. फिर 2019 में उन्हें टायफाइड हुआ और 2020 में कोरोना से संक्रमित हुईं. इन बीमारियों के कारण वह पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाईं.
लेकिन उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया और तैयारी जारी रखी. फिर 2020 में उनका इंटरव्यू रुक गया था. इसका फायदा उठाते हुए उन्होंने अपनी तैयारी को और मजबूत किया और तीसरी रैंक के साथ आईएएस अफसर बन गईं अभी वह जयपुर में काम कर रही हैं.
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