Ias Sourav Pandey Success Story In Hindi
यूपीएससी परीक्षा भारत में सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है। इसमें कुछ लोगों को पहली ही कोशिश में सफलता मिल जाती है, लेकिन कुछ को कई साल तक कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। सौरव ने भी इसी मुश्किल पथ का चयन किया था, पर उनके लिए लक्ष्य तक पहुंचना आसान नहीं था। वे एक दो नहीं बल्कि पांच बार लगातार सिविल सेवा परीक्षा में नाकाम रहे, फिर भी उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। वे अपनी पढ़ाई में लगे रहे और अंत में 2019 में यूपीएससी एग्जाम में 66वां स्थान प्राप्त किया।
सौरव पांडे का शुरुआती जीवन (Ias Sourav Pandey Success Story In Hindi)
सौरव पाण्डेय, जो वाराणसी के निवासी हैं, उन्हें पढ़ाई का शौक था। उन्होंने बिट्स पिलानी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करते ही नौकरी ज्वाइन कर ली थी। लेकिन, कुछ समय बाद उन्हें लगा कि वे सिविल सेवा की ओर बढ़ें। उन्हें पता था कि यूपीएससी की परीक्षा में उन्हें बहुत मेहनत करनी होगी।
प्रीलिम्स में भी सफल नहीं हुए
सौरव पाण्डेय ने 2014 में सिविल सेवा परीक्षा का पहला प्रयास किया था। उन्हें तीन बार लगातार प्रीलिम्स एग्जाम में ही असफलता मिली थी। उन्हें लगा कि यूपीएससी की परीक्षा में उन्हें और अधिक मेहनत करनी होगी। सौरव ने अपनी पढ़ाई का तरीका भी बदल दिया था। फिर भी उन्हें चौथे और पांचवें अटेम्प्ट में मेन्स पास करने के बावजूद भी चयन नहीं मिल पाया था। अंततः, उन्होंने छठे प्रयास में अपनी मेहनत का फल पाया और अपने सपने को साकार किया।
शून्य से शुरू की तैयारी
सौरव पांडेय ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए शून्य से आरंभ किया था। उनके लिए यह चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि वे कई साल तक नौकरी कर चुके थे और उनकी पढ़ाई का तंत्र बिगड़ गया था। इसलिए उन्होंने शून्य से ही शुरू किया और यह समझ लिया कि इसमें समय लगेगा। उन्होंने कहा कि आपको अंतिम प्रयास तक जोशीले रहना है और तैयारी करना है। हर बार जब आप असफल हों तो उससे कुछ सीखना है। जब भी आपको उदासी महसूस हो तो अपने परिवार से बात करें और ऐसा कुछ करें जो आपको आत्मविश्वास दे।
अभ्यर्थियों के लिए सलाह
सौरव पांडेय का कहना है कि यूपीएससी की परीक्षा में आपको बहुत संघर्ष करना पड़ सकता है पर आपको हमेशा पॉजिटिव रहना है. वे आपको नकारात्मक लोगों से बचने को कहते हैं. उनका कहना है कि जब भी आपको लगे कि आप हार गए हैं तो आपको अपने परिवार और मित्रों से बात करनी चाहिए. साथ ही वे आपको एक बैकअप प्लान बनाने का भी सुझाव देते हैं. उनका विचार है कि यूपीएससी में आपको हर बार अंतिम बार की तरह पढ़ना है. आपको निरंतर मेहनत और दोहराव करने से ही यहां कामयाबी मिलेगी।
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