क्या कोई बार-बार सफल होने के बाद भी उसी काम में लगा रह सकता है जो काम वह कर रहा है तो इसका जवाब है हां.. अगर वह इंसान अपने लक्ष्य को लेकर दृढ़संकल्पित है तो। अगर उसके हौसल बुलंद है कि मुझे यह काम करना ही है तो कितनी ही कठिनाई कोई भी मुश्किल क्यों ना हो उसके आड़े नहीं आ सकती आज हम ऐसे ही एक आईएएस ऑफिसर के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने कई साल यूपीएससी की तैयारी की पांच बार यूपीएससी की परीक्षा में असफल भी हुए लेकिन छठी बार 91वीं रैंक से परीक्षा को पास किया और अपने बचपन का सपना पूरा किया उन्हें ऑल इंडिया में 91वीं रैंक हासिल हुई है उनकी लगातार मेहनत का उन्हें आखिर फल मिला और वह आज वह IAS बन चुके हैं।
जन्म और शुरुआती जीवन
विशाल नारवाड़े महाराष्ट्र के लातूर जिले के रहने वाले हैं उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई लातूर में ही की कॉलेज की पढ़ाई उन्होंने जबलपुर में IIT इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन ब्रांच से बीटेक की पढ़ाई पूरी की पढ़ाई के समय ही उन्होंने अपना मन बना लिया था कि अब आगे की पढ़ाई उन्हें सिविल सर्विसेज के लिए ही करना है उन्होंने सिविल सर्विसेज का सपना तो देख लिया था लेकिन यह इतना आसान नहीं था उन्होंने इस सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की, अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्हें पांच बार असफलता का सामना भी करना पड़ा।
यूपीएससी की तैयारी और असफलता
बार-बार मिल रही असफलता के बाद भी वह नहीं रुके वह लगातार प्रयासरत रहे और आखिर में उन्हें सफलता प्राप्त हुई उन्होंने छठवीं बार साल 2019 में यूपीएससी की परीक्षा को रैंक 91 से पास किया और सफल हुए आज विशाल नारवाडे उन सभी लोगों के लिए इंस्पिरेशन है जो पहले दूसरे प्रयास में असफल होकर तैयारी करना छोड़ देते हैं और यह मान बैठते हैं कि अब यह हमारे बस की नहीं है लेकिन विशाल नारवाड़े ने यह साबित कर दिया है कि निराश होने के बजाय दोगुनी मेहनत करें ओर लगातार प्रयासरत रहे तो सफलता हासिल की जा सकती है।
हर बार प्री में सफलता मिली लेकिन मैंस में नहीं
विशाल नारवाडे बार-बार यूपीएससी की परीक्षा दे रहे थे और बार-बार असफल भी हो रहे थे लेकिन इस असफलता में भी एक अच्छी बात यह थी कि उन्होंने छह बार परीक्षा दी और हर बार वह अपना प्री पेपर निकालने में सफल हो हो रहे थे वह हर बार प्री से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। लेकिन यूपीएससी की पहली और कठिन चरण माने जाने वाले पेपर मैं वह सफल हो जा रहे थे आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई और वह यूपीएससी की परीक्षा के सारे चरण मे सफल हुए और 91वीं रैंक प्राप्त हुई।
विशाल ने बताया हर विषय को वेटेज के अनुसार ही महत्व दें
अपनी यूपीएससी की स्ट्रैटेजी को बताते हुए विशाल नारवाडे जी ने बताया कि अगर आप सब कुछ पढ़ने बैठ जाएंगे तो वह कभी कवर नहीं हो पाएगा इसका तरीका बताते हुए वह कहते हैं कि आप अपने सिलेबस में जाकर देखिए कि किस विषय को कितना वेटेज दिया गया है उसी के अनुसार अपनी पढ़ाई करें किस टॉपिक से सबसे ज्यादा प्रश्न पूछे गए हैं उस टॉपिक को अधिक महत्व दें और जिसमें सबसे कम प्रश्न पूछे गए हैं उसे उसके अनुसार समय दें इससे आपका काफी समय बचता है जिससे कि आप अपना समय इंपॉर्टेंट टॉपिक पर लगा सकें।
कभी भी खुद की तुलना किसी और के साथ ना करें
यूपीएससी उम्मीदवारों को एग्जाम टिप्स देते हुए विशाल ने कहा कि, यूपीएससी की तैयारी के दौरान आप खुद को दूसरे लोगों के साथ कंपेयर बिल्कुल ना करें। वे कहते हैं कि, हर किसी की क्षमताएं अलग होती हैं और हर किसी की पढ़ाई का तरीका अलग होता है। ऐसे में आप खुद पर भरोसा रखें और लिमिटेड सोर्सेस के साथ सही दिशा में मेहनत करते रहें। इसके अलावा एक और जरूरी बात यह है कि, आप बार-बार अपने सोर्सेस ना बदलें। अगर आप समय-समय पर किताबें बदलते रहेंगे तो आपकी तैयारी पूरी नहीं हो पाएगी।
यूपीएससी में सफल होने के लिए कैसे बनाएं स्ट्रेटजी
विशाल कहते हैं कि अगर आप इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं तो खुद को रिलैक्स और पॉजिटिव रखें अपने आप पर भरोसा रखें कि आपने जितना पढ़ा है आप उन्हें सही से करेंगे रिवीजन बहुत जरूरी है खासकर प्री परीक्षा के लिए आप जितना ज्यादा रिवीजन करते हैं आपको अपनी पढ़ाई के बारे में उतना ही पता चलता है कि आपको अब और कितनी मेहनत करने की जरूरत है।
यूपीएससी का सिलेबस काफी बड़ा होता है इसलिए तनाव लेकर कभी पढ़ाई ना करें अपने हर सब्जेक्ट की प्रायोरिटी को पहले से ही तय कर ले किस विषय को कितने समय तक पढ़ना है अपना एक शेड्यूल बना लें और समय सीमा निर्धारित कर हर विषय को गहराई से पढ़ने की कोशिश करें कड़ी मेहनत की बदौलत आप सफलता जरूर प्राप्त कर सकते हैं।