इशिता किशोर का जीवन परिचय | Ishita Kishore Biography In Hindi
आज के इस लेख में हम आपको यूपीएससी 2022-23 की टॉपर इशिता किशोर का जीवन परिचय बताएंगे। यूपीएससी की परीक्षा भारत की सबसे मुश्किल और माननीय परीक्षा है।इस परीक्षा में हर साल लाखों विद्यार्थी भाग लेते हैं लेकिन इसे सिर्फ वही विद्यार्थी उत्तीर्ण कर पाते हैं जो अपने जीवन में कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई करते हैं।
23 मई 2023 को सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट आया है जिसमें 933 परीक्षार्थी सफल हुए हैं। इनमें 613 पुरुष और 320 महिलाएं शामिल हैं। इन सभी परीक्षार्थियों में इशिता किशोर ने यूपीएससी की परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया है।
Ishita Kishore Biography In Hindi
इशिता किशोर 2022 में यूपीएससी की परीक्षा में पहली रैंक पाने वाली हैं। उनका जन्म 1996 में हैदराबाद के तेलंगाना राज्य में हुआ था। लेकिन इशिता ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली में ही की थी।इशिता के पिता विंग कमांडर संजय किशोर थे जो भारतीय वायु सेना में थे। पर वह 2004 में इस दुनिया से चले गए थे।इशिता की मां ज्योति किशोर हैं जो एक पूर्व शिक्षक हैं। इशिता का एक बड़ा भाई है जिसका नाम ईशान हर्ष है। वह एक वकील है अपने पेशे से।
इशिता किशोर का जन्म (Ishita Kishore Birth place)
इशिता किशोर का जन्म 1996 में हुआ और उन्होंने 2022 में यूपीएससी की परीक्षा में पहली रैंक हासिल की है। अब वह 2023 के अनुसार 27 साल की हैं। जब वह 7 साल की थीं तब उनके पिता जो विंग कमांडर थे उनका देहांत हो गया था।पर उनकी मां ने उनका साथ कभी नहीं छोड़ा और उन्हें हमेशा प्रेरित और उत्साहित किया। अपनी मां की वजह से आज इशिता ने 27 साल की उम्र में भारत की सबसे मुश्किल परीक्षा यूपीएससी को पास करके एक आईएएस अधिकारी का दर्जा पाया है।
इशिता किशोर की शिक्षा (Ishita Kishore Education)
इशिता किशोर की पहली पढ़ाई दिल्ली में हुई थी। उन्होंने 2014 में 12वीं कक्षा एयर फोर्स बाल भारती स्कूल से पूरी की थी। इशिता किशोर अपने अध्ययन के दौरान अधिकांश समय दिल्ली में ही बिताती थीं। उन्होंने 2017 में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अर्थशास्त्र में B.A स्नातक की डिग्री ली थी।अपनी स्नातक की पढ़ाई के बाद इशिता किशोर ने अर्नेस्ट एंड यंग नामक कंपनी में रिस्क विश्लेषक के रूप में काम करना आरंभ किया था।लेकिन कुछ समय के बाद उन्होंने इस काम को छोड़ दिया और अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत करने लगी। वह अपने माता पिता के द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए यूपीएससी की तैयारी करने लगी।
इशिता किशोर ने यूपीएससी की परीक्षा में 1094 अंक पाकर पहली रैंक हासिल की है। उन्होंने अपने बताये अनुसार इंटरव्यू में 193 और लिखित परीक्षा में 901 अंक पाए हैं।इस प्रकार उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 54.02% अंक के साथ पहला स्थान प्राप्त किया है।
अनुशासन परिवार के सदस्यों से सीखा
इशिता किशोर ने अपने एक इंटरव्यू में यह बताया है कि उनके परिवार के सदस्यों में अनुशासन, सेवा भाव और कर्तव्य निष्ठा की भावना बहुत गहरी है। इसके कारण आज हमारा परिवार एक समृद्ध और संतुलित परिवार है।आपको यह भी जानना चाहिए कि इशिता किशोर अभी ग्रेटर नोएडा में रहती हैं। लेकिन वह असल में पटना बिहार से हैं। क्योंकि उनके दादा-दादी बिहार के निवासी थे। इशिता का मूल गांव सासाराम है जो बिहार में है।
इशिता किशोर की स्ट्रैटजी (Ishita Kishore Strategy)
इशिता किशोर ने कहा कि “सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करने के लिए अनुशासित और ईमानदार होना पड़ता है”। यूपीएससी परीक्षा एक समय-सीमित परीक्षा है, और उम्मीदवारों को निर्धारित समय सीमा के भीतर परीक्षा को पूरा करने के लिए अपना समय प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना होगा।
सिविल सेवा परीक्षा के लिए निरंतरता और अनुशासन मुख्य आवश्यकताएं हैं। आप जितने घंटे उचित समझें, उतने घंटे लगाएं। सिविल सेवा परीक्षा को शानदार ढंग से पास करने के लिए निरंतरता और अनुशासन मुख्य घटक हैं। साथ ही, अपनी क्षमता के अनुसार अध्ययन के लिए कुछ घंटे समर्पित करने की सलाह दी जाती है।
उन्होंने अध्ययन के घंटों पर ध्यान नहीं दिया बल्कि गुणवत्ता पर ध्यान दिया। उन्होंने एक अध्ययन अनुसूची बनाई लेकिन अपने अध्ययन स्रोतों को सीमित रखा और कहा कि पुनरावृत्ति के समय, उन्होंने नई किताबें या अध्ययन सामग्री नहीं ली। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के प्रकृति के बारे में एक अनुमान लगाने के लिए पिछले वर्षों की यूपीएससी प्रारंभिक प्रश्न पत्र पुस्तक को देखना उचित है।
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