एनीस कनमनी जॉय की जीवनी (Annies Kanmani joy ias Biography in hindi) (Wikipedia, husband, age, Strategy, current posting, date of birth, education, rank)
आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वे एक किसान परिवार से आती हैं, उन्होंने नर्सिंग की पढ़ाई की, और फिर बिना किसी कोचिंग के आईएएस की परीक्षा में 65वीं रैंक हासिल की। वे अब कर्नाटक के कोडागु जिले की उपायुक्त हैं, और उन्होंने 2020 में COVID-19 महामारी के दौरान अपने क्षेत्र में कोरोनावायरस के संक्रमण को काबू में रखने का काम किया। उनका नाम है एनीस कनमनी जॉय.
एनीस कनमनी जॉय की जीवनी (Annies Kanmani joy ias Biography wiki in hindi)
पूरा नाम – एनीस कनमनी जॉय
जन्मदिन तारीख (date of birth) – 23 अप्रैल 1985
उम्र (age ) (2023 तक) – 38 साल
जन्म स्थान (birth place ) – भारत के केरल राज्य के एर्नाकुलम ज़िले में पम्पाकुड़ा गाँव
शैक्षणिक योग्यता (education ) – कोट्टायम, केरल, भारत में फातिमा मठ स्कूल और माउंट कार्मेल स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की। बी.एससी. नर्सिंग में और 2009 में केरल विश्वविद्यालय त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज में एक साल की इंटर्नशिप।
पिता (father) – परप्पलिल जॉय
माता (mother) – लीला
पति (husband) – स्टीफन मणि (एक भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी
बच्चे (children) – बेटी (सहायता)
सेवा – भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस)
बैच – 2012
मुख्य पदनाम (current posting) – कोडागु, कर्नाटक में उपायुक्त: 1 जनवरी, 2019 से 31 जनवरी, 2021
एनीस का शुरुआती जीवन और शिक्षा (Annies Kanmani joy ias early life and education)
एनीस केरल के एर्नाकुलम जिले के पंपाकुडा गांव में पैदा हुईं। उनके पिता धान की खेती करते थे, और उनकी मां भी उनके साथ काम में हाथ बटाती थीं। एनीस ने 10वीं तक की पढ़ाई अपने गांव के एक स्कूल से की, और फिर एर्नाकुलम में एक हाई स्कूल में दाखिला लिया। उनका सपना था कि वे एक डॉक्टर बनें, लेकिन उन्हें मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट में अच्छी रैंक नहीं मिली। इसलिए, उन्होंने त्रिवेंद्रम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग में BSc की पढ़ाई की.
एनीस ने नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, अपने भविष्य के बारे में सोचने के लिए एक महीने का समय लिया। उन्हें लगा कि वे जीवन में कुछ बड़ा करना चाहती हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वे कौन सा रास्ता चुन सकती हैं। उन्हें याद आया कि उनके एक दोस्त ने उन्हें सिविल सेवा की परीक्षा के बारे में बताया था, जो देश की सबसे बड़ी और सम्मानित परीक्षा है। एनीस ने इस परीक्षा के बारे में और जानने के लिए इंटरनेट पर खोज की, और उन्हें लगा कि यह उनके लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है।
Upsc की तैयारी
एनीस ने अपने आईएएस की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं ली, बल्कि वे अपने घर पर ही पढ़ाई करती रहीं। उन्होंने अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में मलयालम लिटरेचर चुना, क्योंकि वे उसमें रुचि रखती थीं, और वे उसके बारे में अच्छी तरह से जानती थीं। उन्होंने अपने जनरल स्टडीज के लिए विभिन्न पुस्तकें, समाचार पत्र, और इंटरनेट का उपयोग किया। उन्होंने अपने नर्सिंग के अनुभव का भी लाभ उठाया, और उन्होंने अपने इंटरव्यू में इसके बारे में बताया।
Annies kanmani joy ias rank
एनीस ने 2016 में आईएएस की परीक्षा में भाग लिया, और उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स दोनों में अच्छे अंक प्राप्त किए। उन्होंने अपने इंटरव्यू में भी शानदार प्रदर्शन किया, और उन्हें 65वीं रैंक मिली। उन्होंने अपनी पहली पसंद के रूप में आईएएस ही चुना, और वे कर्नाटक कैडर में नियुक्त हुईं।
Annies kanmani joy ias posting
एनीस की पहली पोस्टिंग कोडागु जिले की उपायुक्त बनकर हुई, जो कि एक पहाड़ी इलाका है, जहां कॉफी, कार्डमम, और पेपर की खेती होती है। एनीस ने अपने काम में बहुत जिम्मेदारी और सक्रियता दिखाई, और उन्होंने अपने जिले के विकास के लिए कई पहल कीं। उन्होंने खासकर महिलाओं, बच्चों, और आदिवासियों के कल्याण के लिए कई प्रोजेक्ट्स शुरू किए, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और सामाजिक न्याय।
एनीस ने 2020 में COVID-19 महामारी के दौरान भी अपने जिले में कोरोनावायरस के संक्रमण को काबू में रखने का काम किया। उन्होंने अपने जिले में टेस्टिंग, ट्रेसिंग, आइसोलेशन, और वैक्सीनेशन के लिए एक अच्छी टीम बनाई, और उन्होंने जनता को भी जागरूक और सतर्क रखने के लिए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग किया। उन्होंने अपने जिले में कोविड-19 के मामलों को कम से कम रखने में कामयाबी हासिल की, और उन्हें इसके लिए कई सम्मान और पुरस्कार मिले।
कैसे की तैयारी (Annies kanmani joy ias Strategy)
एनीज़ कनमनी जॉय को परीक्षा के लिए अच्छी तरह से तैयार होने के लिए जरूरी सामग्री की कमी थी। उन्हें परीक्षा के लिए अध्ययन करने के लिए कुछ पुस्तकें और अध्ययन सामग्री खरीदनी थीं। उन्होंने अन्य सामग्री का इंतजाम नहीं कर पाए, इसलिए उन्होंने वर्तमान मामलों और समाचार पत्रों को अपना मुख्य स्रोत बनाया। उन्होंने उम्मीदवारों को खबरों के साथ अपडेट रहने और नियमित रूप से पढ़ने की सलाह दी। ये दोनों उनके अध्ययन का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उनके वैकल्पिक विषय मनोविज्ञान और मलयाली साहित्य थे, जिनके लिए उन्हें अलग से मेहनत करनी पड़ी।
एनीज़ कनमनी जॉय को अपने गांव के फातिमा माथा स्कूल, कोट्टायम के माउंट कार्मेल स्कूल और अपने नर्सिंग स्कूल के अनुकूल वातावरण का शुक्रिया अदा करती हैं, जहाँ उन्होंने अपनी पढ़ाई की। उन्होंने अपने पहले प्रयास में त्रिवेन्द्रम की केरल सिविल सेवा अकादमी में अपनी सामान्य तैयारी की, और कोट्टायम के पिलाई में सेंट थॉमस कॉलेज नामक भाषा संस्थान में अपनी भाषा और साहित्य की तैयारी की। उन्होंने अपनी तैयारी को पूरा करने के लिए दिल्ली में एक छोटा सा कोचिंग सेंटर ज्वाइन किया।
उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में किसी भी कोचिंग केंद्र को छोड़ दिया और अपने पिछले प्रयासों के अध्ययन के तरीकों को सुधारने का प्रयास किया। उन्होंने अपनी रणनीति को नया बनाने के लिए कुछ नए तरीके अपनाए और कुछ पुराने तरीके छोड़ दिए। उनका कहना है कि उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में केवल अपने पिछले परीक्षा के नोट्स और करंट अफेयर्स का अध्ययन किया।
एनीस कनमनी जॉय एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अपने जीवन को एक उदाहरण बनाया है, कि कैसे एक आम इंसान भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है, अगर वह अपने लक्ष्य के लिए मेहनत और जुनून से काम करे। वे एक नर्स से आईएएस अधिकारी बनने का सफर तय करने वाली भारत की पहली महिला हैं, और वे अपने काम के लिए जनता के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।
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