Ilma Afroz Ips Biography In Hindi (posting, date of birth, husband, age, Rank, Education)
इल्मा अफ़रोज़ का जीवन एक उदाहरण है कि कैसे एक गरीब किसान की बेटी ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए अनेक बाधाओं को पार किया। इल्मा ने अपनी पढ़ाई मोमबत्ती की रोशनी में की, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र में मास्टर्स किया, न्यूयॉर्क में एक बैंक में नौकरी की, लेकिन फिर भी देश की सेवा के लिए आईपीएस बनने का फैसला किया। इल्मा की कहानी में हमें उनकी मां का भी बहुत योगदान दिखता है, जिसने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया और उनकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं होने दी.
Ilma Afroz Ips Early life and family
इल्मा का जन्म 1992 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कुंदरकी कस्बे में हुआ था। उनके पिता एक किसान थे, जो अपने खेतों से ही परिवार का गुजारा करते थे। उनकी मां भी उनकी मदद करती थी। इल्मा का एक छोटा भाई भी है, जिसका नाम इरफान है। इल्मा के पिता का नाम अब्दुल रशीद था, जो 2006 में कैंसर के कारण चल बसे। इल्मा उस समय 14 साल की थी। उनकी मृत्यु के बाद, इल्मा की मां ने अकेले ही अपने बच्चों का पालन-पोषण किया।
Ilma Afroz Ips education
इल्मा ने अपनी प्राथमिक शिक्षा कुंदरकी के एक सरकारी स्कूल से की। वह बहुत होशियार और मेहनती विद्यार्थी थी। उनके घर में बिजली की कमी के कारण, वह अक्सर मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ती थी। उनकी मां ने उन्हें हमेशा अच्छी शिक्षा देने का प्रयास किया। वह उनके स्कूल की फीस, बुक्स और यूनिफॉर्म के लिए अपने खेतों में काम करके पैसे कमाती थी। इल्मा को अपने गांव के लोगों से भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोग उनकी पढ़ाई को बेकार समझते थे और उनकी मां को उनकी शादी करने के लिए कहते थे। लेकिन इल्मा ने उनकी बातों को नजरअंदाज करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रही।
इल्मा ने अपनी 10वीं की परीक्षा में 89% अंक प्राप्त किए और 12वीं की परीक्षा में 94% अंक प्राप्त किए। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज में फिलॉसफी में ग्रेजुएशन करने के लिए चुनी गई। वह वहां पर अपने विषय में बहुत रुचि लेती थी और अपने प्रोफेसरों और सहपाठियों के साथ अच्छे संबंध बनाए। वह अपने कॉलेज के तीन साल को अपने जीवन के सबसे अच्छे वर्ष मानती है।
इल्मा को अपनी योग्यता और प्रतिभा के कारण ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र में मास्टर्स करने का मौका मिला। वह वहां पर एक छात्रवृत्ति भी प्राप्त करती है। लेकिन उनके पास हवाई यात्रा के पैसे नहीं थे। उन्होंने अपने गांव के चौधरी दादा से मदद मांगी, जो उनके परिवार के पुराने दोस्त थे। उन्होंने उन्हें टिकट के पैसे दे दिए इल्मा यूके में अपने बाकी खर्चें पूरे करने के लिए कभी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी, तो कभी छोटे बच्चों की देखभाल का काम करती थीं।
इसके बाद इल्मा एक वॉलेंटियर प्रोग्राम में शामिल होने न्यूयॉर्क गयीं. यहां उन्हें बढ़िया नौकरी का ऑफर मिला. इल्मा चाहती तो यह ऑफर ले लेती और विदेश में ही बस जाती. पर उन्होंने ऐसा नहीं किया. उनके अब्बू ने उन्हें जड़ों से जुड़ना सिखाया था. एक साक्षात्कार में वे कहती हैं कि मुझ पर, मेरी शिक्षा पर पहले मेरे देश का हक है, मेरी अम्मी का हक है. अपनों को छोड़कर मैं क्यों किसी और देश में बसूं?
Upsc preparation and Rank
इल्मा ने ऑक्सफोर्ड में अर्थशास्त्र में मास्टर्स किया और फिर न्यूयॉर्क में एक बैंक में नौकरी की। लेकिन उन्हें देश की सेवा करने का जुनून था, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़कर UPSC की परीक्षा दी। उन्होंने 2017 में UPSC की परीक्षा में 217वां रैंक हासिल किया और IPS बनी।
इल्मा ने अपनी पहली पोस्टिंग उत्तराखंड के नैनीताल जिले में एसपी के रूप में पाई। वहां पर उन्होंने अपने काम के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए। वह अपराध, महिला सुरक्षा, बाल श्रम, जलवायु परिवर्तन और जनस्वास्थ्य के मुद्दों पर काम करती रही। वह अपने क्षेत्र में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए जनता के साथ अच्छे संपर्क बनाए। वह अपने अधीन कर्मचारियों को भी प्रेरित और प्रशिक्षित करती थी।
इल्मा ने 2020 में अपनी दूसरी पोस्टिंग दिल्ली में डीसीपी के रूप में पाई। वहां पर उन्होंने दिल्ली दंगों, कोरोना महामारी, किसान आंदोलन और अन्य चुनौतियों का सामना किया। वह अपने काम में बहुत साहसी और निष्ठावान रही। वह अपने जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं करती थी। वह अपने टीम के साथ मिलकर अपराध और अत्याचार के खिलाफ लड़ती रही।
इल्मा अफ़रोज़ एक अद्भुत और अद्वितीय व्यक्तित्व हैं। वह अपने जीवन में कई रोल मॉडल बनती हैं। वह एक बेटी, एक बहन, एक छात्रा, एक अर्थशास्त्री, एक बैंकर, एक IPS अधिकारी और एक नागरिक हैं। वह अपने हर क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक हैं। वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने आत्मविश्वास, अपने परिश्रम, अपने जज्बे और अपने अनुशासन का इस्तेमाल करती हैं। वह देश की सेवा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने को तैयार हैं।
इल्मा अफ़रोज़ की कहानी हमें यह सिखाती है कि हमारे जीवन में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है, अगर हमें उसे पाने की इच्छा और जुनून हो। वह हमें यह भी बताती है कि हमें अपने परिवार, अपने समाज और अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहिए। वह हमें यह भी प्रेरित करती है कि हमें अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए और अपने आप को बेहतर बनाने के लिए हमेशा सीखना चाहिए।
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