Manjari jaruhar ips biography in hindi (Wikipedia, age, Husband, rank)
अपने लक्ष्य को पाने के लिए बाधाओं को पार करने वाली महिलाएं अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनती हैं। आईपीएस मंजरी जरुहर का जीवन इसका एक उदाहरण है। वह बिहार की एक प्रतिष्ठित परिवार से आती हैं, जहां कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी हैं। लेकिन शादी के बाद उन्हें अपने ससुराल में बहुत कष्ट झेलना पड़ा। जब उनका तलाक हो गया, तो उन्होंने अपने जीवन को नया मोड़ दिया। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से बिहार की पहली और भारत की पांचवी महिला आईपीएस अधिकारी का दर्जा हासिल किया।
एक ऐसी महिला पुलिस अफसर की कहानी है जिसने अपने घर और काम दोनों जगह अपनी योग्यता और दृढ़ता का परिचय दिया। उन्हें अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उन्हें अपनी पहली नियुक्ति के लिए भी बहुत देर तक इंतजार करना पड़ा। वे मंजरी जरुहर हैं, जो अब रिटायर हो चुकी हैं और अपनी किताब ‘मैडम सर’ में अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के अनेक पहलुओं को बताती हैं।
मंजरी जरुहर का शुरुआती जीवन और शिक्षा (Manjari Jaruhar Ips Biography In Hindi)
मंजरी जरुहर बिहार की पहली और भारत की पांचवीं महिला आईपीएस अधिकारी हैं। उनका जन्म 1955 में बिहार के एक सम्मानित परिवार में हुआ था। उनके परिवार में कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने पटना वीमेंस कॉलेज से इंग्लिश में ग्रेजुएशन और दिल्ली यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
शादी हुई रिश्ता टूटा और बन गई आईपीएस
मंजरी जरुहर की शादी 19 साल की उम्र में एक आईएफएस अधिकारी से हुई थी। लेकिन उनका रिश्ता टूट गया और उन्होंने अपने जीवन को एक नई दिशा देने का फैसला किया। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और 1975 में उसे क्रैक कर लिया। उन्हें आईपीएस का अलॉटमेंट मिला और वह बिहार की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बन गईं।
Manjari jaruhar husband
आमतौर पर आईपीएस अधिकारी बनने के बाद पहली पोस्टिंग एएसपी के तौर पर मिलती है. मंजरी को सीआईडी में एएसपी बना दिया गया था. वह डेस्क जॉब थी और मंजरी फील्ड पोस्टिंग चाहती थीं. फिर उन्होंने अपनी एक सहेली के पिता से बात की, जो उनके सीनियर थे और जल्द ही रिटायर होने वाले थे. उन्होंने मंजरी की फाइल आगे बढ़ाई और आखिरकार उन्हें सरकारी नौकरी में खुद को साबित करने का अवसर मिला. फिर उन्होंने अपने बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश जरुहर से शादी कर ली थी
कई पुरस्कार भी जीते
मंजरी जरुहर ने अपने कैरियर में कई चुनौतियों का सामना किया और उन्हें कई महत्वपूर्ण पोस्टिंग मिलीं। उन्होंने सीआईडी, रेलवे, एयरपोर्ट, वायुसेना, आईबी और अन्य विभागों में काम किया। उन्होंने अपने काम के लिए कई पुरस्कार भी जीते। उन्होंने 2011 में रिटायरमेंट लेने के बाद एक किताब भी लिखी, जिसका नाम ‘मैडम सर’ है। इस किताब में उन्होंने अपने जीवन और कार्य के अनुभवों को बताया है।
मंजरी जरुहर एक प्रेरणा हैं, जो ने अपनी मेहनत और लगन से अपने सपनों को साकार किया। उनकी कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
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