रश्मि शुक्ला आईपीएस जीवनी, कार्य, सम्मान और विवाद (Rashmi Shukla Ips Biography In Hindi, Husband, Age, DGP, Controversy Home Town, Date of birth)
रश्मि शुक्ला आईपीएस भारत की प्रसिद्ध महिला पुलिस अधिकारी हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वर्तमान में वे सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की महानिदेशक हैं, जो नेपाल और भूटान के साथ भारत की सीमाओं की रक्षा करता है। इससे पहले वे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में अतिरिक्त महानिदेशक थीं। रश्मि शुक्ला आईपीएस को महाराष्ट्र पुलिस की बागडोर संभालने का भी मौका मिला था। इस ब्लॉगपोस्ट में हम रश्मि शुक्ला आईपीएस की जीवनी, कार्य, सम्मान और विवाद के बारे में जानेंगे।
आईपीएस रश्मि शुक्ला की जीवनी (Rashmi Shukla Ips Biography In Hindi)
पूरा नाम – रश्मि शुक्ला
जन्म तिथि (date of birth) – 15/08/1965
उम्र (Age) – 53 (2023)
जन्म स्थान – मुंबई
शिक्षा – सेंट जेवियर्स हाई स्कूल मुंबई,
पेशा – भारतीय पुलिस सेवा
पति (husband) – उदय शुक्ला (निधन)
यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण वर्ष – 1988
केडर – महाराष्ट्र
रश्मि शुक्ला का शुरुआती जीवन और शिक्षा (Rashmi Shukla Ips early life and education)
रश्मि शुक्ला आईपीएस का जन्म 15 अगस्त 1965 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स हाई स्कूल मुंबई से की थी। उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री एल्फिंस्टन कॉलेज मुंबई से और समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री मुंबई विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी। उन्होंने 1988 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में शामिल हुईं। उन्हें महाराष्ट्र कैडर आवंटित किया गया था।
रश्मि शुक्ला आईपीएस कार्य (Rashmi Shukla Work)
रश्मि शुक्ला आईपीएस ने अपने कार्यकाल में महाराष्ट्र पुलिस में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। उन्होंने औरंगाबाद ग्रामीण, नासिक ग्रामीण, सतारा और पुणे ग्रामीण जिलों के अधीक्षक पुलिस (एसपी), मुंबई के जोन 1 और जोन 5 के उपायुक्त पुलिस (डीसीपी), मुंबई के दक्षिण क्षेत्र के अतिरिक्त आयुक्त पुलिस (एसीपी), मुंबई के अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त पुलिस (जेसीपी), नागपुर और पुणे शहरों के आयुक्त पुलिस (सीपी) और राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) के निदेशक के रूप में कार्य किया है।
रश्मि शुक्ला आईपीएस ने केंद्रीय देहात में भी कई पदों पर कार्य किया है। उन्होंने दिल्ली और हैदराबाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के उप महानिदेशक (डीआईजी), जम्मू और कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (आईजी) और हैदराबाद में सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के रूप में कार्य किया है।
रश्मि शुक्ला आईपीएस पुरस्कार (Rashmi Shukla Awards)
उन्होंने अपनी श्रेष्ठ और विशिष्ट सेवा के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं, जैसे:
– 2004 में डीजीपी का प्रतीक चिन्ह
– 2005 में राष्ट्रपति का पुलिस पदक श्रेष्ठ सेवा के लिए
– 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमलों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जिससे उनको कई पुरस्कार प्राप्त हुए।
रश्मि शुक्ला विवाद (Rashmi Shukla Ips Controversy)
रश्मि शुक्ला आईपीएस का नाम एक बड़े विवाद में आया था, जब उन्होंने 2020 में महाराष्ट्र सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने अपने खुफिया विभाग के जासूसों के जरिए कुछ फोन कॉलों को टैप किया था, जिसमें राज्य में पुलिस अधिकारियों की तैनाती के लिए रिश्वत लेने और देने की बातें हुई थीं। उन्होंने इस बारे में एक रिपोर्ट तैयार करके मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री अनिल देशमुख और डीजीपी सुभोध जायसवाल को भेजी थी, लेकिन उनकी रिपोर्ट को नजरअंदाज कर दिया गया था।
रश्मि शुक्ला आईपीएस के इस आरोप को महाराष्ट्र सरकार ने झूठा और निराधार बताया था। उन्होंने कहा था कि रश्मि शुक्ला आईपीएस ने बिना किसी अनुमति के फोन टैप किए थे, जो कि गैरकानूनी और असंवैधानिक है। उन्होंने यह भी कहा था कि रश्मि शुक्ला आईपीएस की रिपोर्ट में कोई भी राज्य के पुलिस अधिकारी का नाम नहीं था, और वे सिर्फ अपनी तरफ से बातें बना रही थीं।
इस विवाद के बाद, रश्मि शुक्ला आईपीएस को महाराष्ट्र से केंद्रीय देहात में तैनात कर दिया गया था। उन्हें सीआरपीएफ में अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया था। लेकिन उन्होंने इस पद को स्वीकार नहीं किया, और कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठता के अनुसार एसएसबी की महानिदेशक का पद मिलना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से इसके लिए आवेदन किया, जो उनकी मांग को मानते हुए उन्हें एसएसबी की महानिदेशक बना दिया।
निष्कर्ष
रश्मि शुक्ला आईपीएस एक उदाहरण हैं, जिन्होंने अपने दृढ़ इरादे, उत्कृष्ट कार्य और निष्पक्षता के साथ भारतीय पुलिस सेवा में अपना नाम कमाया है। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन वह कभी भी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटीं। उन्होंने अपनी श्रेष्ठ सेवा के लिए कई पुरस्कार और सम्मान भी प्राप्त किए हैं। रश्मि शुक्ला आईपीएस की जीवनी हमें प्रेरणा देती है, कि हम भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें, और अपने देश की सेवा करें।
Read Also
- गरीबी और विकलांगता भी नहीं रोक पाई, झुग्गी में रहकर पढ़ाई की ट्यूशन पढ़ाकर खर्चा चलाया पहले प्रयास में ही बनी IAS
- गरीबी छोड़ने दिन रात पढ़ाई की, 12 सरकारी नौकरी हासिल की पटवारी से IPS का सफर तय किया अब हैं अधिकारी।
- गांव में ही रहकर UPSC की तैयारी की, एक समय में लैंप की रोशनी में पढ़ते थे आज हैं IAS
- नौकरी की तलाश में दिल्ली आए खर्चा चलाने सब्जी और अंडे बेचे आज हैं आईएएस अफसर
- ससुराल में पीड़ा झेली, कोर्ट केस 7 साल की बेटी को संभालते हुए मायके में तैयारी की अब हैं IAS ऑफिसर
- पिता टैक्सी चालक हैं, बेटा जन्म से नेत्रहीन लेकिन सपना था IAS बनने का कई बार फेल हुए 9वें प्रयास में बनें आईएएस