सम्राट अशोक महान के 20+ अनमोल विचार | Ashoka the great quotes in hindi
सम्राट अशोक महान के 20+ अनमोल विचार | Ashoka the great quotes in hindi
●•● माता-पिता का सम्मान किया जाना चाहिए और बड़ों का भी, जीवित प्राणियों के प्रति दयालुता को मजबूत किया जाना चाहिए और सत्य बोला जाना चाहिए।
– अशोक
●•● मैंने कुछ जानवरों और कई अन्य प्राणियों को मारने के खिलाफ कानून लागू किया है, लेकिन लोगों के बीच धर्म की सबसे बड़ी प्रगति जीवित प्राणियों को चोट न पहुंचाने और उन्हें मारने से बचने का उपदेश देने से आती है।
– अशोक
●•● हर धर्म में प्रेम, करुणा, और भलाई का पोषक कोर है। बाहरी खोल में अंतर है, लेकिन भीतरी सार को महत्त्व दीजिये और कोई विवाद नहीं होगा। किसी चीज को दोष मत दीजिये, हर धर्म के सार को महत्त्व दीजिये और तब वास्तविक शांति और सद्भाव आएगा।
– अशोक
●•● सफल राजा वही होता हैं, जिसे पता होता हैं कि जनता को किस चीज की जरूरत हैं।
– अशोक
●•● विभिन्न कारणों से अन्य धर्मों का सम्मान करना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने धर्म को विकसित करने में मदद करते हैं और दुसरे धर्मों को भी सेवा प्रदान करते हैं।
– अशोक
●•● सबसे महान जीत प्रेम की होती है, ये हमेशा के लिए दिल जीत लेती है।
– अशोक
●•● कोई भी व्यक्ति जो चाहे प्राप्त कर सकता हैं, बस उसे उसकी उचित कीमत चुकानी होगी।
– अशोक
●•● माता-पिता का सम्मान किया जाना चाहिए और बड़ों का भी, जीवित प्राणियों के प्रति दयालुता को मजबूत किया जाना चाहिए और सत्य बोला जाना चाहिए।
– अशोक
●•● दूसरो के द्वारा बताये गये सिद्धांतो को सुनने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।
– अशोक
●•● हर धर्म हमें प्रेम, करुणा और भलाई का पाठ पढाता हैं. अगर हम इसी दिशा में आगे बढे तो कभी किसी के बीच कोई विवाद ही नहीं होगा।
– अशोक
●•● वह जो अपने सम्प्रदाय की महिमा बढाने के इरादे से उसका आदर करता है और दूसरों के संप्रदाय को नीचा दिखाता है, ऐसे कृत्यों से वह अपने ही सम्प्रदाय को गंभीर चोट पहुंचता है।
– अशोक
●•● चलिए हम सब सुनते हैं, और दूसरों के द्वारा बताये गए सिद्धांतों को सुनने के लिए तैयार रहते हैं।
– अशोक
●•● एक राजा से ही उसकी प्रजा की पहचान होती हैं।
– अशोक
●•● तीन कार्य जो हमें सदा स्वर्ग की ओर ले जाते हैं, ” माता-पिता का सम्मान, सभी जीवो पर दया, और सत्य वचन।
– अशोक
●•● अन्य सम्प्रदायों की निंदा करना निषेध है; सच्चा आस्तिक उन सम्प्रदायों में जो कुछ भी सम्मान देने योग्य है उसे सम्मान देता है।
– अशोक
●•● अपने धर्म की प्रगति इसी में हैं कि हम अन्य धर्म का भी सम्मान करे।
– अशोक
●•● आप नहीं जानते कि मैं किस हद तक यह चाहता हूँ और अगर कुछ लोग समझते भी है तो वे यह नहीं समझते कि मेरी इस इच्छा की पूरी हद क्या है।
– अशोक
●•● किसी को सिर्फ अपने धर्म का सम्मान और दूसरों के धर्म की निंदा नहीं करनी चाहिए।
– अशोक
●•● जितना कठिन संघर्ष करोगे, आपके जीत कि ख़ुशी भी उतनी ही बढ़ जायेगी।
– अशोक
●•● सभी इन्सान मेरे बच्चे हैं। जो मैं अपने बच्चों के लिए चाहता हूँ, मैं इस दुनिया में और इसके बाद भी उनका भला और ख़ुशी चाहता हूँ, वहीँ मैं हर इंसान के लिए चाहता हूँ। आप नहीं समझते हैं कि किस हद तक मैं ऐसा चाहता हूँ, और अगर कुछ लोग समझते हैं, तो वे ये नहीं समझते कि मेरी इस इच्छा की पूरी हद क्या है।
– अशोक
●•● वह व्यक्ति जो अपने सम्प्रदाय को ऊँचा दिखाने के लिए दूसरे संप्रदाय का मजाक बनाता है, वह ऐसा करके अपने ही सम्प्रदाय को बहुत नुकसान पहुंचाता है।
– अशोक