रिसर्च पर आधारितसकारात्मकता भी संक्रामक है, इसकी आदत डालें....
सकारात्मकता सिर्फ ऊपरी खुशी या पॉजिटिव एटीट्यूड नहीं है। सकारात्मक विचार असल में आपकी जिंदगी में खुशी पैदा करते हैं।
सकारात्मकता को दिनचयां में शामिल कर इसकी आदत डालनी पड़ती है। मेयो क्लीनिक ने सकारात्मकता पर व्यापक शोध किया है और बताया है कि इसे कैसे आदत बनाया जाए।
1.) अगर चीजों को लेकर आपका नजरिया नकारात्मक है, तो इसमें रातों-रात बदलाव की उम्मीद न करें। सकारात्मकता की शुरुआत खुद से बातचीत से करें। शोध में सामने आया है कि खुद से बात करने वाले लोगों की आदतों में जल्दी बदलाव होता है
2.) किस-किस क्षेत्र में आपको बदलाव की जरूरत है. कहां नकारात्मकता हावी हो रही है। उस पर ध्यान लगाएं।
research में देखा गया कि हर चीज को नकारात्मक मानकर उससे नहीं निपटा जा सकता एक-एक चीज पर फोकस करके उससे निपटें। मसलन रिश्ते में खटास है, तो पहले उसे ठीक करने की कोशिश करें। बाद में दूसरी चीजों पर ध्यान लगाएं।
3.) अपने आपको परखने के लिए दिन में थोड़ा ब्रेक उतना लें अपना अवलोकन करें कि विचार की दिशा किस ओर जा रही है।
उसका सिरा पकड़ने की कोशिश करें। इस तरह खुद पर निगरानी से विचारों को ब्रेक मिलता है और उसकी दिशा नियंत्रित की जा सकती है।
4.) नकारात्मकता के बोझ से दबा हुआ महसूस न करें। खुद को खुला छोड़ें। हंसने, मुस्कुराने में कोई संकोच न करें। छोटी-छोटी चीजों में भी खुशी की तलाश करें।
5.) ऐसे लोगों की संगति में रहें, जो खुद सकारात्मक हैं। जिन पर आप समय आने पर निर्भर हो सके। नकारात्मक व्यक्ति जहां आपका स्ट्रेस बढ़ा देते हैं, तो खुशमिजाज लोग तनाव दूर कर देते हैं।
6.) अपने आप से सकारात्मक बातचीत करने की आदत डालें। एक नियम बनाएं, खुद से ऐसी कोई चीज न कहें, जो आप दूसरों से नहीं कहेंगे। अपने प्रति नरमी वरते।
इस बात की पुष्टि कई शोध में हो चुकी है. कि अपने प्रति निष्ठुर लोगों पर नकारात्मकता हावी होती है। इसलिए खुद से नरमी बरतें।
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