राम मनोहर लोहिया के अनमोल विचार | Ram Manohar lohia quotes in hindi
Ram Manohar lohia quotes in hindi
●•● लोगों के छोटे समूहों को शक्ति देकर, प्रथम श्रेणी का लोकतंत्र संभव है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● अंग्रेजों ने बंदूक की गोली और अंग्रेजी की बोली से हमपर राज किया।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● इस देश की औरतों के लिए आदर्श सावित्री नहीं, द्रोपदी होनी चाहिए।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● ज्ञान और दर्शन से सब काम नहीं होता. ज्ञान और आदत, दोनों को ही सुधारने से मनुष्य सुधरता है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● अपने आर्थिक उद्देश्य में, पूंजीवाद बड़े पैमाने पर उत्पादन, कम लागत और मालिकों को लाभ पहुंचाना चाहता है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● भारत में असमानता सिर्फ आर्थिक नहीं है; यह सामाजिक भी है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● अंग्रेजों ने बंदूक की गोली और अंग्रेजी की बोली से हम पर राज किया।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● जाति तोड़ने का सबसे अच्छा उपाय है, कथित उच्च और निम्न जातियों के बीच रोटी और बेटी का संबंध।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● यदि एक समाजवादी सरकार बल प्रयोग करे, जिसके परिणामस्वरूप कुछ लोगों की मौत हो जाए तो तो उसे शासन करने का कोई अधिकार नहीं है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● भड़भड़ बोलने वाले क्रांति नहीं कर सकते, ज्यादा काम भी नहीं कर सकते. तेजस्विता की जरूरत है बकवास की नहीं।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● यदि हमारे कृषि को मैकेनाइज़्ड कर दिया जाए तो इस आधार पर 8 करोड़ किसानो को शहरों में जाना पड़ेगा।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● अंग्रेजी का प्रयोग मौलिक सोच में अवरोध है, हीनता की भावनाओं का प्रजनक है और शिक्षित एवं अशिक्षित जनता के बीच की दूरी है. आइये, हम हिंदी की असल प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित करने के लिए संगठित हो जाएं।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● इस देश की स्त्रियों का आदर्श सीता सावित्री नहीं, द्रौपदी होनी चाहिए।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● मार्क्सवाद एशिया के खिलाफ यूरोप का अंतिम हथियार है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● मर्यादा केवल न करने की नहीं होती है, करने की भी होती है. बुरे की लकीर मत लांघो, लेकिन अच्छे की लकीर तक चहल पहल होनी चाहिए।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● भारत में कौन राज करेगा ये तीन चीजों से तय होता है. उंची जाति, धन और ज्ञान. जिनके पास इनमे से कोई दो चीजें होती हैं वह शासन कर सकता है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● सामाजिक परिवर्तन के बड़े काम जब प्रारंभ होते हैं, तो समाज के कुछ लोग आवेश में आकर इसका पूर्ण विरोध करते हैं।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● अर्थव्यवस्था में एक माध्यम के तौर पर अंग्रेजी का प्रयोग काम की उत्पादकता को घटाता है. शिक्षा में सीखने को कम करता है और रिसर्च को लगभग ख़त्म कर देता है, प्रशासन में क्षमता को घटाता है और असमानता तथा भ्रष्टाचार को बढ़ाता है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● सामाजिक परिवर्तन के बड़े काम जब प्रारंभ होते हैं, तो समाज के कुछ लोग आवेश में आकर इसका पूर्ण विरोध करते हैं।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● बिना काम के सत्याग्रह क्रिया के बिना एक वाक्य की तरह है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● ज़िन्दा कौमें सरकार बदलने के लिए पांच साल तक इंतज़ार नहीं करतीं।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● हमें समृद्धि बढानी है, कृषि का विस्तार करना है, फैक्ट्रियों की संख्या अधिक करनी है लेकिन हमें सामूहिक सम्पत्ति बढाने के बारे में सोचना चाहिए; अगर हम निजी सम्पति के प्रति प्रेम को ख़त्म करने का प्रयास करें, तो शायद हम भारत में एक नए समाजवाद की स्थापना कर पाएं।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● अंग्रेजी का इतना दबदबा कहीं नहीं है। इसीलिए भारत आजाद होते हुए भी गुलाम है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● त्याग हमेशा शांतिदायक और संतोषप्रद होता है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● अगर भारत बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी का प्रयोग करता है, तो करोड़ों लोगों को ख़त्म करने की आवश्यकता पड़ेगी।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● अंग्रेजी अल्पसंख्यक शासन और शोषण का एक साधन है, जिसका प्रयोग 40 या 50 लाख अल्पसंख्यक रूलिंग क्लास इंडियंस 40 करोड़ से अधिक लोगों पर अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए प्रयोग कर रहे हैं।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● जाति प्रथा के विरुद्ध विद्रोह से ही देश में जागृति आयेगी।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● जात-पात भारतीय जीवन की सबसे सशक्त प्रथा रही है, यहाँ जीवन जाति की सीमाओं के भीतर ही चलता है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● जाति अवसर को सीमित करती है. सीमित अवसर क्षमता को संकुचित करता है. संकुचित क्षमता अवसर को और भी सीमित कर देती है. जहाँ जाति का प्रचलन है, वहां अवसर और क्षमता हमेशा से सिकुड़ रहे कुछ लोगों के दायरे तक सीमित है।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● आधुनिक अर्थव्यवस्था के माध्यम से गरीबी को दूर करने के साथ, ये अलगाव (जाति के) अपने आप ही गायब हो जाएंगे।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
●•● भारतीय नारी द्रौपदी जैसी हो, जिसने कि कभी भी किसी पुरुष से दिमागी हार नहीं खाई।
– डॉ. राम मनोहर लोहिया
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