एक गरीब और चालाक मोची हिंदी कहानी | Hindi moral story on cleverness
यह कहानी एक छोटे से मोची की है जो एक गांव अपनी पत्नी के साथ रहता था। उसे गांव में कोई काम नहीं मिलता था उसके पास अब इतना भी पैसा नहीं था कि वह कोई अनाज खरीद सके एक दिन उसने फैसला किया और अपनी पत्नी से कहा;
“अब मुझे यहां और ज्यादा नहीं रहना चाहिए यहां कोई काम नहीं है मुझे अपनी किस्मत बड़े शहर में आजमानी चाहिए शायद वहां पर मुझे कोई अच्छी नौकरी मिल सके”
मोची शहर में पहुंचा और वहां और हर गली गली में आवाज लगा रहा था “नए जूते बनवा लो…. नए जूते बनवा लो….”
पहले दिन तो मोची को कोई काम नहीं मिला फिर अगले दिन वह वहां शहर की बड़ी सड़कों पर पुकारते हुए घुमा, नए जूते बनवा लो… नए जूते बनवा लो…।
तभी एक औरत ने उसे बुलाया और कहा “अरे…मोची जरा इन जूतों की मरम्मत कर दीजिए”
“जी हां क्यों नहीं”
मोची घर के दरवाजे पर बैठा और उसने वह जूते सिल दिए
“लीजिए यह जूते तैयार हैं”
“कितना हुआ?
“एक तांबे का सिक्का”
“यह लीजिए..!
उसने पैसे लिए और वहां से चल दिया जैसे ही वह अगली गली में पहुंचा एक और औरत ने उसे पुकारा और जूते सिलने के लिए उसे दिए!
“यह कुछ जोड़ी जूते हैं इनकी मरम्मत कर दो”
मोची ने जूतों की मरम्मत की पैसे लिए और वहां से चला गया और सोचने लगा आज तो मैंने बहुत पैसे कमा लिया अगर मैं इसी तरह से काम करते रहा है तो जल्दी में एक गधा खरीद लूंगा!
उसने बहुत मेहनत से काम किया और कुछ दिनों के बाद उसने चार सोने के सिक्के कमा लिए थे उसमें से 2 सिक्के से उसने गधा खरीदा और घर अपने गांव लौटने का फैसला किया उसने अगले दिन उसने सारा सामान बांधा और घर के लिए निकल पड़ा अपने घर जाने के रास्ते में उसे जंगल से गुजर ना पड़ा जहां उसने चोरों की एक टोली देखी।
चोरों को देखते ही वह सोचने लगा है भगवान मुझे बचा लो यह चोर मेरा सारा पैसा ले जाएंगे एक बार फिर मैं गरीब बन जाऊंगा अब मैं क्या करूं मोची बहुत चतुर था उसने हिम्मत नहीं हारी और एक योजना बनाई उसने एक सोने का सिक्का गधे के गले पर बांध दिया और आगे चल दिया चोरों ने उसे पकड़ लिया और उससे कहा;
“अपना सारा पैसा निकालो चलो जल्दी करो.!”
“देखिए मैं एक गरीब मोची हूं मेरे पास इस गधे के अलावा और कुछ भी नहीं है कृपया मुझे जाने दीजिए”
“जैसे ही उसने यह कहा गधा जोर से चिल्लाया और उसके गले से सोने का सिक्का नीचे गिर पड़ा”
“सचमुच तुम गरीब हो? फिर तुम्हें सोने का सिक्का कहां से मिला हमसे झूठ बोलने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई..”
और वह चोर उसे पीटने लगे
“रुकिए… मैं आपको सब कुछ सच सच बताता हूं यह गधा सोना उत्पन्न करता है और इसी तरह से मुझे बहुत सारे पैसे मिलते हैं”
“ठीक है तुम हमें यह गधा दे दो और हम तुम्हें जाने देंगे”
“नहीं.. बिल्कुल भी नहीं.. अगर मैं इसे तुम्हें बेच दूंगा तो मेरे पास कुछ भी नहीं बचेगा मैं बहुत गरीब हो जाऊंगा”
“अच्छा तो ठीक है इसके लिए हम तुम्हें 50 सोने के सिक्के देंगे”
“ठीक है तुम इस गधे का ध्यान रखना बारी-बारी से ही इसे घुमाना नहीं तो आप आपस में ही लड़ते रह जाओगे पैसों के लिए”
“मोची ने गधा बेच दिया और अपना घर चले गया
वह बहुत खुश था कि उसे सोने के सिक्के मिल गए थे उस सिक्के से उसने मुर्गी फार्म खरीदा।
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इसी बीच वह चारों चोर भी गधे को लेकर अपने अड्डे पर पहुंच गए थे और उन चोरों के सरदार ने कहा इस चोर गिरोह का सरगना होने के नाते इस गधे को सबसे पहले मैं रखूंगा चोरों ने अपने सरदार की आज्ञा मानी और उस रात चोरों का सरदार गधे के साथ अस्तबल में सोया और वह गधे से उत्पन्न सारा पैसा ले लेना चाहता था और अगली सुबह जैसे ही उसकी आंख खुली उसने सारा अस्तबल छान मारा लेकिन उसे कुछ नहीं मिला वह समझ चुका था कि उस मोची ने उन्हें बेवकूफ बनाया है इसी बीच उसका साथी चोर वहां आया और उनसे कहा
“सरदार आपको सोने के सिक्के मिले? हमें भी बताइए गधे ने कितने सोने के सिक्के उत्पन्न किए”
“तुम खुद ही पता लगा लोगे जब आज रात तुम खुद इस गधे को अपने पास रखोगे”
सरदार ने किसी से कुछ नहीं कहा क्योंकि वह इस बात का यकीन कर लेना चाहता था कि उसने कोई गलती नहीं की।
एक-एक करके सभी चोरों ने गधे को अपने साथ रखा पर उनमें से किसी को कुछ नहीं मिला और सभी समझ गए थे कि उन्हें उस मोची ने बेवकूफ बनाया है।
सरदार ने एक सभा बुलाई
“उस मोची ने हम सबको बेवकूफ में बनाया अब हम उसे सबक सिखाएंगे”
“उसने हमें साधारण गधा 50 सोने के सिक्कों में बेच दिया”
“हम उससे अपना पैसा वापस लेंगे और इसकी सजा दे भी देंगे”
चलो चलते हैं और वह सभी मोची के घर की तरफ चल पड़े
उस वक्त मोची अपने फार्म पर काम कर रहा था उसने चोरों को आते देख तुरंत अपने घर के अंदर गया और अपनी पत्नी से कहा;
“मेरी बात ध्यान से सुनो जब वह चोर यहां आएंगे और मेरे बारे में पूछेंगे तो उन्हें बोलना कि मैं खेत में काम कर रहा हूं.. फिर हमारे कुत्ते माईलो को भेजना मुझे बुलाने के लिए”
यह कहकर वह अपने घर के पीछे छुप गया और कुछ ही देर बाद वह चोर उसके घर पहुंच गए
“वह मोची कहां है ? बुलाओ उसे हम उससे बात करना चाहते हैं”
“वह खेत पर गए हैं मैं कुत्ते को भेजना चाहूंगी उन्हें बुलाने के लिए.. माईलो जाओ अपने मालिक को बुलाकर आओ उनसे कुछ लोग मिलने आए हैं”
“यह सब क्या है? क्या तुम्हारा कुत्ता सचमुच तुम्हारे पति को यहां ले आएगा?”
“जरूर वह हर बात समझता है जब वह खेत पर होते हैं और मुझे उनसे बात करनी होती है मै माईलो को उनके पास भेज देती हूँ और माइलो मेरा संदेश उन्हें दे देता है”
इतने में ही मोची वहां आ पहुंचा
“ओह तो यह आप है माईलो ने मुझे बताया कि आप मुझसे बात करना चाहते हैं।
“हमें गधे से कुछ नहीं मिला तुमने हमें धोखा दिया हमसे झूठ बोला”
“देखिए.. मुझे मालूम है कि आपको कुछ गलतफहमी हुई है आज जो कुछ भी मेरे पास है वह सब उस गधे की वजह से ही है”
“ठीक है हम तुम पर विश्वास करते हैं पर तुम्हें हमें यह कुत्ता भी बेचना होगा”
“नहीं बिल्कुल भी नहीं मैं इसे नहीं बेच सकता”
“हम इसके लिए तुम्हें 40 सोने के सिक्के देंगे”
थोड़ा इंकार करने के बाद मोची सहमत हो गया कुत्ता बेचने के लिए
चोरों ने कुत्ते को लिया और अपनी गुफा की तरफ चले गए गुफा में पहुंचने पर सरदार ने ऐलान किया कि सबसे पहले वह अपने पास कुत्ते को रखेगा
“सरदार ने अपनी बेटी केमिला को बुलाया.. सुनो कैमिला मैं काम पर जा रहा हूं यदि कोई मुझे पूछने के लिए आए तो माईलो को मुझे बुलाने के लिए भेज देना”
“जैसा आप कहें पिताजी”
कुछ देर बाद वहां एक आदमी आया और उसने सरदार की बेटी से कहा कि वह अपने पिता को बुलाए।
“थोड़ा रुकिए मैं तुरंत उन्हें बुलाती हूं.. माईलो जाओ पिताजी से कहो कि कोई आया है यहां उनसे मिलने”
माईलो घर से भागा बजाय सरदार के पास जाने के वह मोची के पास चला गया जब चोर वापस घर आया तो उसने देखा कि माईलो वहां नहीं था वह समझ गया कि माईलो जरूर अपने मालिक के पास गया होगा तो वह मोची के घर गया और मोची से बोला
“सुनो क्या माईलो तुम्हारे यहां आया है?”
“हां वह यहां है मेरे ख्याल से उसे जरूर मेरी याद आ रही होगी उसको थोड़ा समय दीजिए अंत में वह आपको अपना मालिक स्वीकार कर ही लेगा”
सरदार माईलो को अपने साथ ले गया और अगले दिन उसने उसे अपने साथी को दे दिया माईलो गैंग के सारे सदस्यों के साथ एक-एक करके रहा पर हर दिन वह मोची के पास वापस लौट आता सभी समझ गए थे कि एक बार फिर उनके साथ धोखाधड़ी हुई है सभी ने सोचा कि इस बार हम बेवकूफ नहीं बनेंगे और इस बार उस मोची को सबक सिखाएंगे
इस बार वह सभी मोची के घर पहुंचे और उन्होंने मोची की बात पर कोई भी ध्यान नहीं दिया जो वह उनसे कह रहा था उन्होंने मोची को एक बोरे में डाला और वहां से चले गए उसे सबक सिखाने के लिए मोची चुपचाप बोरे में लेटा रहा रास्ते में वह एक चर्च के पास से गुजरे चारों में से एक चोर ने कहा;
“सरदार सच में बहुत गर्मी है, चलो चर्च में कुछ देर आराम करें हम काम के लिए अवश्य ही शाम तक इंतजार कर सकते हैं”
उन्होंने जिस बोरे में मोची को रखा था उस बोर को उन्होंने वही रख दिया ओर सब के सब चर्च में चले गए वह चर्च एक पहाड़ी पर था। वहाँ से एक आदमी अपने सूअरों का झुंड लेकर वहां से गुजर रहा था। जब मोची ने सूअरों के झुंड की आवाज सुनी तो मोची को एक उपाय सूझा और उसने ऊंची आवाज में चिल्लाना शुरू किया
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“मैं ऐसा नहीं करूंगा मैं ऐसा नहीं करूंगा मुझे छोड़ दो मुझे जाने दो”
सूअरों के मालिक ने मोची की आवाज सुनी और वह उसके पास आया और उसने मोची से पूछा “अरे रुको रुको तुम क्या नहीं करोगे और किसने तुम्हें उस बोरे में डाला?”
“वह मेरी शादी राजा की बेटी से करवाना चाहते हैं पर मैं नहीं करना चाहता”
“क्यों भाई क्या तुम पागल हो? अगर मैं तुम्हारी जगह होता तो मैं राजकुमारी से शादी करता ही”
“अगर ऐसी बात है तो आओ मैं तुम्हें बोरे में डाल देता हूं जाओ और राजकुमारी से शादी कर लो”
“सचमुच?”
“बेशक पर सबसे पहले मुझे बाहर तो निकालो”
सूअरों के मालिक ने मोची को बोर से बाहर निकाला और खुद बोरे में कैद हो गया मोची ने उसको बांध दिया और उसके सूअरों को लेकर वहां से चला गया शाम को चोर चर्च से बाहर आए उस बोर को उठाया और वहां से चले गए
“सुनो चलो इसे यहां कीचड़ में फेंक देते हैं यह कीचड़ ही इसे सबक सिखाएगा”
चोरों ने उसे कीचड़ में फेंक दिया और वहां से चले गए वापस आते समय उन्होंने मोची को सड़क पर देखा और वह हैरान रह गए
“तुम यहां कैसे पहुंचे?”
“उस कीचड़ के नीचे एक जादुई स्थान था वहां बहुत सारा सोना था और बहुत सारे सूअर भी थे वह सूअर उस सोने की रखवाली किया करते थे मैं उनकी मदद से बाहर आया हूं और अपने साथ कुछ सोना भी लेकर आया हूं बस वहां सोने के लिए वापस जा रहा हूं”
“रुको हमें भी उस जादुई स्थान पर ले चलो। और सावधान वहां तुम सोने को हाथ भी मत लगाना”
“ठीक है अगर तुम कहते हो तो चलो”
चोरों की टोली मोची के साथ उस जगह पर पहुंची
“अगर तुम्हें सोना चाहिए तो तुम्हें खुद को बोरे में बंद करना होगा”
सभी चोरों ने खुद को बोरे में कैद कर लिया
मोची ने उन सभी को कीचड़ में फेंक दिया और उन पर सूअर छोड़ दिए।
चोर चिल्लाते रहे और सूअर उन्हें चाटते रहे यह देखकर मोची हंसा और अपने घर चला गया उसके बाद वह सुख और शांति के साथ अपनी पत्नी के साथ रहने लगा।
कहानी से मिली सीख
हमें विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी बुद्धि और चतुराई से काम लेना चाहिए।