मुंशी प्रेमचंद के 50+ अनमोल विचार व कथन | Munshi premchand quotes in hindi
Munshi premachnd quotes in hindi |
मुंशी प्रेमचंद जयंती के 50+ अनमोल विचार व कोट्स| Munshi premchand Jayanti quotes in hindi
●•● चिंता एक काली दिवार की भांति चारों ओर से घेर लेती है, जिसमें से निकलने की फिर कोई गली नहीं सूझती।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● ऐश की भूख रोटियों से कभी नहीं मिटती. उसके लिए दुनिया के एक से एक उम्दा पदार्थ चाहिए।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन गरूर है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षा की जरुरत है, डिग्री की नहीं। हमारी डिग्री है, हमारा सेवा भाव, हमारी नम्रता, हमारे जीवन की सरलता अगर यह डिग्री नहीं मिली, अगर हमारी आत्मा जागृत नहीं हुई तो कागज की डिग्री व्यर्थ है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● यश त्याग से मिलता है, धोखाधड़ी से नहीं।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● मनुष्य बिगड़ता है या तो परिस्थितियों से अथवा पूर्व संस्कारों से, परिस्थितियों से गिरने वाला मनुष्य उन परिस्थितियों का त्याग करने से ही बच सकता है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● किसी किश्ती पर अगर फर्ज का मल्लाह न हो तो फिर उसके लिए दरिया में डूब जाने के सिवाय और कोई चारा नहीं।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता, वह केवल दूसरों का दिल दुखाना चाहता है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● नीतिज्ञ के लिए अपना लक्ष्य ही सब कुछ है। आत्मा का उसके सामने कुछ मूल्य नहीं। गौरव सम्पन्न प्राणियों के लिए चरित्र बल ही सर्वप्रधान है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● उपहार और विरोध तो सुधारक के पुरस्कार हैं।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरुरत पड़ती है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● चिंता रोग का मूल है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● मासिक वेतन पूरनमासी का चाँद है जो एक दिन दिखाई देता है और घटते घटते लुप्त हो जाता है।
Munshi premachnd quotes in hindi |
– मुंशी प्रेमचंद
●•● युवावस्था आवेशमय होती है, वह क्रोध से आग हो जाती है तो करुणा से पानी भी।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● विजयी व्यक्ति स्वभाव से, बहिर्मुखी होता है। पराजय व्यक्ति को अन्तर्मुखी बनाती है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● दया मनुष्य का स्वाभाविक गुण है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● अन्याय में सहयोग देना, अन्याय करने के ही समान है।
– मुंशी प्रेमचंद
मुंशी प्रेमचंद कोट्स इन हिंदी
●•● अच्छे कामों की सिद्धि में बड़ी देर लगती है, पर बुरे कामों की सिद्धि में यह बात नहीं।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है।
Munshi premachnd quotes in hindi |
– मुंशी प्रेमचंद
●•● लगन को कांटों कि परवाह नहीं होती।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● अतीत चाहे जैसा हो, उसकी स्मृतियाँ प्रायः सुखद होती हैं।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● देश का उद्धार विलासियों द्वारा नहीं हो सकता। उसके लिए सच्चा त्यागी होना आवश्यक है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● मनुष्य का उद्धार पुत्र से नहीं, अपने कर्मों से होता है। यश और कीर्ति भी कर्मों से प्राप्त होती है। संतान वह सबसे कठिन परीक्षा है, जो ईश्वर ने मनुष्य को परखने के लिए दी है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● न्याय और नीति लक्ष्मी के खिलौने हैं, वह जैसे चाहती है नचाती है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● केवल बुद्धि के द्वारा ही मानव का मनुष्यत्व प्रकट होता है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● चोर केवल दंड से ही नहीं बचना चाहता, वह अपमान से भी बचना चाहता है| वह दंड से उतना नहीं डरता जितना कि अपमान से।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● दुखियारों को हमदर्दी के आंसू भी कम प्यारे नहीं होते।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● अपनी भूल अपने ही हाथों से सुधर जाए तो यह उससे कहीं अच्छा है कि कोई दूसरा उसे सुधारे।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● नमस्कार करने वाला व्यक्ति विनम्रता को ग्रहण करता है और समाज में सभी के प्रेम का पात्र बन जाता है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● क्रोध अत्यंत कठोर होता है। वह देखना चाहता है कि मेरा एक~एक वाक्य निशाने पर बैठा है या नहीं, वह मौन को सहन नहीं कर सकता।
– मुंशी प्रेमचंद
Munshi premachnd hindi quotes
●`•● जिस प्रकार नेत्रहीन के लिए दर्पण बेकार है उसी प्रकार बुद्धिहीन के लिए विद्या बेकार है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● मै एक मज़दूर हूँ। जिस दिन कुछ लिख न लूँ, उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● दुनिया में विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई भी विद्यालय आज तक नहीं खुला है।
Munshi premachnd quotes in hindi |
– मुंशी प्रेमचंद
●•● जीवन की दुर्घटनाओं में अक्सर बड़े महत्व के नैतिक पहलू छिपे हुए होते हैं।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● आत्म सम्मान की रक्षा, हमारा सबसे पहला धर्म है।
Munshi premachnd quotes in hindi |
– मुंशी प्रेमचंद
●•● अपनी भूल अपने ही हाथ सुधर जाए तो,यह उससे कहीं अच्छा है कि दूसरा उसे सुधारे।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● चापलूसी का ज़हरीला प्याला आपको तब तक नुकसान नहीं पहुँचा सकता जब तक कि आपके कान उसे अमृत समझ कर पी न जाएँ।
Munshi premachnd quotes in hindi |
– मुंशी प्रेमचंद
●•● डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूंगा हो जाता है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● जिस बंदे को पेट भर रोटी नहीं मिलती, उसके लिए मर्यादा और इज्जत ढोंग है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● जीवन का वास्तविक सुख, दूसरों को सुख देने में हैं, उनका सुख लूटने में नहीं।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● जब हम अपनी भूल पर लज्जित होते हैं, तो यथार्थ बात अपने आप ही मुंह से निकल पड़ती है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● स्त्रियों में बड़ा स्नेह होता है पुरुषों की भांति उनकी मित्रता पान पत्ते तक सीमित नहीं रहती।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई विद्यालय आज तक नहीं खुला।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपने घर की याद आती है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● हम जिनके लिए त्याग करते हैं, उनसे किसी बदले की आशा ना रखकर भी उनके मन पर शासन करना चाहते हैं। चाहे वह शासन उन्हीं के हित के लिए हो। त्याग की मात्रा जितनी ज्यादा होती है, यह शासन भावना उतनी ही प्रबल होती है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सद्व्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुबाब दिखाने से नहीं।
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– मुंशी प्रेमचंद
●•● संसार के सारे नाते स्नेह के नाते हैं, जहां स्नेह नहीं वहां कुछ नहीं है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता ,कर्तव्य~पालन में ही चित्त की शांति है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● खाने और सोने का नाम जीवन नहीं है, जीवन नाम है, आगे बढ़ते रहने की लगन का।
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– मुंशी प्रेमचंद
●•● महान व्यक्ति महत्वाकांक्षा के प्रेम से बहुत अधिक आकर्षित होते हैं।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● मन एक भीरु शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● सफलता में दोषों को मिटाने की विलक्षण शक्ति है।
– मुंशी प्रेमचंद
●•● स्त्रियों में बड़ा स्नेह होता है पुरुषों की भांति उनकी मित्रता केवल पान पत्तों तक सीमित नहीं रहती।
– मुंशी प्रेमचंद
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●•● संतान वह सबसे कठिन परीक्षा है जो ईश्वर ने मनुष्य को परखने के लिए गढ़ी है।
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– मुंशी प्रेमचंद
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