Ias Ayush Goel Success Story In Hindi बहुत से लोग एक बड़ी कंपनी में उच्च पद और अच्छी तनख्वाह के साथ काम करने का सपना देखते हैं. पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो इसके विपरीत राह अपनाते हैं. कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो हाई सैलरी वाली जॉब की बजाय, एक रोचक फील्ड में काम करने की इच्छा रखते हैं. उनमें से एक फील्ड है सिविल सेवा. हर साल यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में लाखों लोग भाग लेते हैं. पर भारत की इस सबसे मुश्किल परीक्षा में सिर्फ कुछ ही लोग सफल होते हैं.
आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी 28 लाख रुपये की हाई सैलरी वाली नौकरी को छोड़कर सिविल सर्विसेज को चुना. हम दिल्ली के आयुष गोयल की बात कर रहे हैं, जिन्होंने इस बड़े फैसले के बाद अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में कामयाबी हासिल की थी
आयुष गोयल की शिक्षा
एक आईएएस अधिकारी हैं आयुष गोयल, जिन्होंने दिल्ली के एक राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा समाप्त की थी. उन्होंने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में शानदार अंक लाकर, दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में इकोनॉमिक्स ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की.
ग्रेजुएशन के बाद मिली नौकरी
ग्रेजुएशन के बाद, उन्होंने कैट की परीक्षा में भाग लिया और उसमें कामयाब होकर, केरल के आईआईएम कोझिकोड में MBA किया. उनका लिंक्डइन प्रोफाइल बताता है कि एमबीए के बाद उन्होंने जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी में विश्लेषक के पद पर नौकरी शुरू की, जिसके लिए उन्हें सालाना 28 लाख रुपये का पैकेज मिला था.
आयुष के पिता सुभाष चंद्र गोयल एक किराना स्टोर चलाते हैं, जबकि उनकी मां मीरा गोयल घर का काम-काज संभालती हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपये का लोन भी लिया था. जब उन्हें नौकरी मिली तो उनके माता-पिता को बहुत गर्व महसूस हुआ, पर उनका गर्व टूट गया जब उन्होंने सुना कि उनका बेटा यूपीएससी की तैयारी करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ रहा है।
जॉब छोड़ upsc की तैयारी की
आयुष ने अपनी नौकरी छोड़कर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया. उन्हें अपने फैसले के लिए काफी दबाव महसूस हुआ, पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. वे दिन-रात पढ़ाई में लगे रहे और अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफल हो गए।
घर पर ही तैयारी की और सफल हुए
आयुष गोयल ने घर पर ही अपनी यूपीएससी की तैयारी की थी. उन्होंने किसी कोचिंग की मदद भी नहीं ली. वे रोजाना आठ से दस घंटे तक इंटरनेट पर वीडियो और किताबें पढ़कर अपनी पढ़ाई जारी रखते थे. इसका फल यह हुआ कि वे अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए. वे खुद भी इस बात पर विश्वास नहीं कर पाए कि वे इतनी आसानी से अपने इस सपने को पूरा कर लेंगे. लेकिन उनकी तैयारी इतनी मजबूत थी कि उन्होंने इस परीक्षा में 171वां स्थान हासिल करके आईएएस अधिकारी का पद प्राप्त किया.
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