Komal Ganatra IAS Biography In Hindi (Husband, Age, Strategy, wiki, Rank, current posting, Marksheet)
आईआरएस ऑफिसर कोमल गणात्रा का सफर एक प्रेरणा है। उन्होंने अपनी पहली शादी में धोखा खाने के बाद भी अपने सपनों को नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने पिता के साथानुसार अपनी पढ़ाई जारी रखी और भारत की सबसे मुश्किल परीक्षा यूपीएससी को पास किया। वो कहती हैं कि उन्हें कभी भी बेटी होने का कोई फर्क नहीं पड़ा। उनके पिता ने उन्हें और उनके भाइयों को हमेशा यह समझाया कि “यू आर स्पेशल, यू आर इंपॉर्टेंट, आप जिंदगी में सबकुछ कर सकते हो।”
कोमल गणात्रा का शुरुआती जीवन (Komal Ganatra early life and family)
कोमल का जन्म 1981 में 19 जनवरी को हुआ था। वह वर्तमान में 39 साल की है। कोमल गुजरात राज्य के सावरकुंडला शहर से हैं। उनका सामना जिंदगी में कई चुनौतियों से हुआ। उनकी पहली शादी में विश्वासघात हुआ और वो टूट गईं। लेकिन उन्होंने अपने सपनों को नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने माता-पिता को छोड़कर एक छोटे से स्कूल में शिक्षिका का काम किया। उन्होंने इंटरनेट और दूसरी सुविधाओं के बिना भारत की सबसे कठिन परीक्षा यानी UPSC को उत्तीर्ण किया और अब वो इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) की अधिकारी हैं। वो न केवल अपनी जिंदगी को बेहतर बना रही हैं बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए भी एक मिसाल हैं।
Komal Ganatra Husband
कोमल गणात्रा का विवाह 26 वर्ष की आयु में संपन्न हुआ था। वह एक ऐसी लड़की थीं, जिसके मन में अपने लिए अनेक सपने थे, परंतु सभी सपने सच नहीं होते। विवाह के दो सप्ताह बाद ही उनका पति उन्हें अकेला छोड़ गया। उनका पति एक NRI था, जो न्यूजीलैंड लौट गया। उनके सामने अंधेरा ही अंधेरा था। उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। तब उनके पिता ने उन्हें प्रेरित किया और उनकी पढ़ाई का सहारा बने। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की,
Komal Ganatra Upsc Rank
उन्होंने एक से ज्यादा बार परीक्षा दी। उनके पहले तीन प्रयासों में उसे अच्छा रैंक नहीं मिला या वह पास नहीं हुई।
साल 2012 में, उन्होंने आखिरकार परीक्षा पास कर ली और उन्हे ऑल इंडिया रैंक 591 मिला। उन्हे आईआरएस में आवंटित किया गया।
Komal Ganatra Upsc Marksheet
मुख्य परीक्षा 780
साक्षात्कार दौर 162
कुल अंक 942
Komal Ganatra Current Posting
उनकी वर्तमान पोस्टिंग राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रक्षा मंत्रालय में है।
Komal Ganatra Husband Mohit Sharma
कोमल ने सिविल सर्विस परीक्षा को फातेह करके अपने सपनों को साकार किया. उन्होंने अपने जीवन में एक नया आगाज किया और मोहित शर्मा से शादी की. मोहित गुजरात हाई कोर्ट के ज्यूडिशियल ऑफिसर हैं. उनकी ताक्षवी नाम की बेटी उनके जीवन का रंग है. कोमल गणात्रा ने अपनी ज़िंदगी से यह संदेश दिया है कि लड़कियों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है.
कोमल ने अपने दर्दनाक अतीत को पीछे छोड़ा और यूपीएससी में भी कई बार विफलता का सामना किया। फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अंत में उनकी मेहनत का फल मिला और वे चौथी कोशिश में यूपीएससी की परीक्षा पास कर दिखाईं।
घर वालों ने कभी बेटा बेटी में भेदभाव नहीं किया
कोमल गणात्रा के घरवालों ने कभी भी बेटा और बेटी में अंतर नहीं करते देखा। उन्हें कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि वे बेटी होने के कारण किसी से कम हैं या उनका कोई महत्व नहीं है। उनके पिता ने उन्हें और उनके दो भाइयों को हमेशा यही सिखाया कि “आप विशेष हैं, आप महत्वपूर्ण हैं, आप जीवन में कुछ भी कर सकते हैं। आपको जीवन में बहुत ऊंचाइयां प्राप्त करनी हैं।” ये उद्देश्य उनके बचपन से ही उनके दिमाग में जड़ गए थे। उन्हें हमेशा से धर्मों का सम्मान करना और सबके साथ बराबरी का व्यवहार करना बताया गया था। उनके पिता का रवैया और उनकी माँ की भूमिका ने उन्हें बचपन में ही अत्यंत आत्मविश्वासी बना दिया था।
शिक्षक की नौकरी भी की
कोमल ने यूपीएससी का सपना देखा था और उसके लिए मेहनत भी कर रही थी. उसने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ एक स्कूल में शिक्षिका का काम भी किया. लेकिन गांव और छोटे शहरों में लड़कियों को बाहर जाने पर कई तरह के ताने सुनने पड़ते हैं. कोमल ने इसे अनदेखा करते हुए अपने माता-पिता को छोड़कर 40 किलोमीटर दूर एक गांव में टीचर बनकर जाने का फैसला किया. वहां उसे किसी ने परेशान नहीं किया, बल्कि उसका सम्मान किया.
कोमल ने यह बात समझी थी कि आजादी का मतलब सिर्फ अपनी मर्जी करना नहीं होता, बल्कि अपने लक्ष्य के प्रति जिम्मेदार भी होना होता है. उसने अपना फोकस कभी नहीं खोया और अपने लक्ष्य के लिए लगातार प्रयास किया. जब उसका रिजल्ट आया तो उसने अपने आपको साबित कर दिया और उन लोगों को चुप करा दिया, जो उसके बारे में बुरा सोचते थे. उसने दिखाया कि समाज का दबाव उसके सपनों को नहीं रोक सकता।
उनका कहना है कि जब किसी लड़की को अपने माता-पिता या सदस्यों से पर्याप्त सहयोग नहीं मिलता है, तो उसे खुद को आत्मविश्वासी बनाने की कोशिश करनी चाहिए। उसे यह याद रखना चाहिए कि कड़ी मेहनत से सब कुछ संभव है। अगर आप अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर आगे बढ़ते हैं, तो आपको सफलता मिलेगी।
कोमल ने अपने एक अनुभव को बताते हुए कहा है कि उन्होंने एक महिला और एक चिकित्सक के बीच की बातचीत को सुना, जिसमें वह महिला रो रही थी। चिकित्सक ने उस महिला से कहा कि अगर आपको दर्द हो रहा है, तो आप थोड़ा आराम करें। अगर आपको बहुत अधिक दर्द हो रहा है, तो आपको तुरंत अस्पताल में जाना चाहिए। जब हम आपको यहां ओपीडी में देख रहे हैं, तो हम चाहते हैं कि आप हमें अपनी समस्या के बारे में बताएं। तभी हम आपका उपचार कर सकेंगे। कुछ लोग अपनी मुसीबतों पर सिर्फ रोते ही रहते हैं। लेकिन उन्हें उनके समाधान पर काम करना चाहिए। जब भी जीवन में कोई ऐसी परेशानी आए, तो यह सोचना चाहिए कि इस पर रोने से बेहतर है कि इसका हल निकालें।
मेरी पहली शादी जल्दी ही टूट गई थी और मुझे उसका बहुत दुख हुआ था. मेरे अब वाले पति से मुझे 10 साल पहले ही पहली बार मुलाकात हुई थी. मेरी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी. लेकिन मेरे मन में पहली शादी के बारे में कुछ उलझनें थीं. हमारा एक आम दोस्त था जिसने हमें एक दूसरे से मिलवाया था. उसके बाद के कुछ ही दिनों में उन्होंने मुझसे शादी का प्रस्ताव किया. मुझे उस पर कुछ कहने का मौका ही नहीं मिला.
मुझे पहली शादी के बाद शादी करने का कोई खास शौक नहीं था. मुझे यही लगता था कि शादी हो या न हो, मुझे फर्क नहीं पड़ता. मैं अपना जीवन देश की सेवा में लगा चुकी थी. मुझे अकेलापन का कोई एहसास नहीं था. जब कोई इतनी जल्दी शादी करने को कहता है तो मुझे उसपर विश्वास करना कठिन लगता था. मैंने उनसे कहा कि मुझे इस बारे में सोचने की जरूरत है. जब वो एक साल तक अपने इरादे पर कायम रहे तो मैंने उन्हे स्वीकार कर लिया।
Komal Ganatra Upsc Strategy
UPSC की परीक्षा को पास करने में कोमल गणात्रा को चार बार की कोशिश करनी पड़ी थी। ऐसे बहुत से विद्यार्थी हैं जो परीक्षा में एक या दो बार असफल होने पर निराश हो जाते हैं। कोमल उन उम्मीदवारों से कहती हैं कि जब तक आपको अपनी हार में भी कुछ सीखने को न मिले, तब तक आपको हार मत मानो। विद्यार्थियों को अपने साथ भी कुछ वक्त गुजारना चाहिए। इस दौरान उन्हें यह सोचना चाहिए कि वे अपने काम को कैसे बेहतर बना सकते हैं। जब तक आपको इसका जवाब न मिल जाए, तब तक आपको लड़ना नहीं छोड़ना चाहिए। लेकिन आपको अत्यधिक कट्टर नहीं बनना चाहिए। इससे आपको कोई फायदा नहीं होगा। आपको परिणाम की चिंता से बचना चाहिए क्योंकि इससे आपके मन में भय उत्पन्न होता है। अगर आप में प्रतिभा है तो UPSC आपको खुद ही ढूंढ लेगा।
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