कल्पना से परे सोचो हिंदी नैतिक कहानी – Hindi moral story think out of the box
तो एक बड़े डॉक्टर ने बताया कि आपकी आंख में एलर्जी है ऐसी एलर्जी जिसकी वजह से आप सिर्फ हरा रंग ही देख सकते अगर आप कोई और रंग देखोगे तो आपकी आंखों में जलन होगी और उससे आपकी आंखें और ज्यादा खराब होती जाएंगी इसलिए हरे कलर के अलावा आपको और कोई कलर नहीं देखना है तो क्योंकि उसके पास बहुत सारा पैसा था तो उसने बड़े-बड़े पेंटर्स को बुलाया एक जगह उन्हें खड़ा किया और बोला कि मैं जहां पर भी जाता हूं वहां सारी चीजें हरी कलर की कर दो जहां से भी मैं गुजरता हूं जितनी भी दीवार है और जो भी चीजें हैं सब को हरा कलर का कर दो कोई भी चीज हरी कलर के अलावा मुझे दिखनी नहीं चाहिए इस काम में उस व्यक्ति ने बहुत सारा पैसा खर्च कर दिया लेकिन फिर भी कोई ना कोई चीज ऐसी ही रह ही जाती थी जो हरे कलर की नहीं हो पाती थी जैसे आसमान अगर वह ऊपर देखेगा तो वह हरा कलर का नहीं हो सकता जैसे अगर वह खाना भी खाएगा तो वह हरे कलर का नहीं हो सकता, और अगर वह अपनी स्किन की तरफ भी देखेगा तब भी वह हरा कलर की नहीं हो सकती तो ऐसा संभव नहीं था कि वह सारी चीजें हरी कलर की ही देख पाए, ओर हर दिन पेंटर्स अलग-अलग जगह हरे कलर कर रहे थे तब उसका भी खर्चा बहुत ज्यादा हो रहा था।
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मतलब हर एक दिन हर जगह को हरा कलर का करने में बहुत ज्यादा पैसे खर्च हो रहे थे तो 1 दिन क्या हुआ उसी जगह से एक समझदार व्यक्ति गुजर रहा था जिसकी सोच खुली हुई है उसने देखा चारों ही तरफ हरी कलर की चीजें ही क्यों हैं तब उसने लोगों से इसका कारण पूछा कि यह सारी चीजें हरे कलर की ही क्यों है, तब लोगों ने बताया कि यहां पर एक बहुत ज्यादा ही अमीर इंसान रहता है जिसके पास बहुत सारा पैसा है लेकिन उसे आंखों की एलर्जी हो गई है जिसमें वह हरे कलर के अलावा और कुछ कलर नहीं देख सकता तो इसका हल निकालने के लिए वह जहां से भी जाता है उसने वह सारी चीजें हरे कलर की कर दी।
तब वह समझदार इंसान जो था उसने सोचा कि यह तो किसी और तरीके से भी यह समस्या हल हो सकती है तो वह इंसान उस व्यक्ति के पास गया जो बहुत ज्यादा अमीर था फिर उसने उस व्यक्ति से पूछा कि आपने यह सारी चीजें हरे कलर की क्यो कि जबकि तो इसका कोई और हल भी था तो अमीर इंसान ने बोला कि इसके अलावा और क्या समाधान है आप ही बताओ
तब उस समझदार इंसान ने कहा कि इसका समाधान तो बहुत ही सरल है और बहुत सस्ता है आप बेवजह ही हर दिन ना जाने कितने रुपया अपना बर्बाद कर रहे हो आप चाहो तो अभी भी इस समस्या का हल निकाल सकते और वह भी बहुत ही कम पैसे खर्च किए हैं, तो अमीर इंसान बोलता है कि जल्दी बताओ इसका क्या समाधान है तो वह समझदार इंसान कहता है कि आप हरे कलर का चश्मा पहने जो कि कुछ ही रुपए का आएगा और आपको कोई भी चीज दूसरी हरे कलर की करना नहीं पड़ेगी यह सुनते ही उस अमीर इंसान की आंखें खुली की खुली रह गई और वह सोचने लगा कि यह कितना आसान समाधान था और मैं ना जाने कब से इस पर कितना पैसा खर्च कर रहा था, मेरी सोच कहां थी मेरा ध्यान आखिर कहां था अगर मैं इसके बारे में ढंग से सोचता थोड़ी देर ठहर कर सोचता तो मैं खुद भी इसका हल निकाल सकता था लेकिन मैं हड़बड़ाहट में काम करते जा रहा था जिससे मेरी सोच छोटी पड़ती जा रही थी।
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तो दोस्तों हमें अपनी सोच बड़ी करने की जरूरत है हमें अपने नजरिया बदलने की जरूरत पड़ती है कई समस्याएं जिंदगी में ऐसी होती हैं जो कि बहुत ही आसान होती है जिसका समाधान बहुत ही आसान होता है लेकिन कई बार हमारा ध्यान आसान समाधान पर नहीं जाता है।