हेनरी फोर्ड
(american captain of industry)
हेनरी फोर्ड एक अमेरिकन उद्योगपति और फोर्ड कंपनी के संस्थापक भी थे । फोर्ड ने पहली ऑटोमोबाइल कंपनी विकसित की जिसे अमेरिका के मध्य वर्गीय लोग भी आसानी से ले सकते थे । उनकी ऑटोमोबाइल कंपनी को उन्हीं के उपनाम पर रखा गया था जल्द ही इनकी कंपनी ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना ली और बेशकीमती कार बनाना शुरू किया इसके बाद इन्होंने मॉडल टी नामक गाड़ी निकाली जिसने अमेरिकी उद्योग में क्रांति ला दी।
फोर्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाना चाहते थे इसलिए उन्होंने अपनी गाड़ियों की कीमतों में कमी कर ग्राहकों को आकर्षित किया इसके बाद फोर्ड की फ्रेंचाइजी उत्तरी अमेरिका के बहुत सेे अलग-अलग भागों मैं खोली गई।
शुरुआती जीवन
हेनरी फोर्ड का जन्म 30 जुलाई 1863 को मिशीगन के ग्रीन फील्ड फार्म में हुआ था। जब फोर्ड 15 साल के थे तभी उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी हेनरी फोर्ड के भाई बहनों में मार्गरेट फोर्ड, जेन फोर्ड, रॉबर्ट फोर्ड और विलियम फोर्ड शामिल हैं 15 साल की आयु में फोर्ड पूरी तरह हार मान चुके थे लेकिन दोस्त और पड़ोसियों की सहायता से वह फिर उठने लगे और घड़ी ठीक करने वाले के रूप में अपनी पहचान बनाई उनके पिता उनको पारिवारिक फार्म देना चाहते थे लेकिन उन्हें फार्म पर काम करना पसंद नहीं था। 1879 में जेम्स एफ। फ्लावर एंड ब्रदर्स और बाद में 1882 में ड्राई डॉक कंपनी के साथ काम करने के लिए उन्होंने घर छोड़ दिया था। बाद में उन्होंने स्टीम इंजन पर काम किया। इसी समय फोर्ड ने गोल्ड स्मिथ, ब्रायन एंड स्ट्रेटन बिजनेस कॉलेज मैं बुक्कीपिंग का अभ्यास किया।
करियर
1891 में फोर्ड एडीसन ज्ञानवर्धक कंपनी के इंजीनियर बने।1893 में मुख्य इंजीनियर के रूप में उनका प्रमोशन होने के बाद उनके पास समय और पैसा दोनों थे और तभी उन्होंने गैसोलीन इंजन पर काम करना शुरू किया उनकी यह खोज 1896 में पूरी हुई और उन्होंने एक गाड़ी का निर्माण किया जिसका नाम फोर्ड क्विडसाइकिल रखा गया। उन्होंने 4 जून को इसका सफल परीक्षण भी किया इसके बाद उन्होंने क्विड साइकिल मैं बहुत से सुधार किए।
1896 में फोर्ड ने एडीसन के एग्जीक्यूटिव की मीटिंग भी अटेंड की। वहां उनका परिचय थॉमस एडिसन से हुआ था वहां उन्होंने ऑटोमोबाइल के प्रोजेक्ट को सभी के सामने रखा। एडीसन ने उनके इस प्रोजेक्ट की सराहना भी की और फोर्ड के आकार और गाड़ी बनाने का काम भी 1898 मैं पूरा हुआ। बाद में उन्होंने एडीसन की कंपनी से इस्तीफा दे दिया था और 5 अगस्त 1899 को नई डेट्रॉइट ऑटोमोबाइल कंपनी की स्थापना की। उस समय कम गुणवत्ता वाली गाड़ियों के निर्माण में बहुत सी लागत लगती थी यही वजह थी कि उनकी कीमत भी ज्यादा होती थी। इसी वजह से इस कंपनी को सफलता नहीं मिल सकी और जनवरी 1901 मैं कंपनी बंद हो गई। बाद में सी. हेरोल्ड विल्स की सहायता से फोर्ड को फिर से डिजाइन किया गया और इसका पुनर्निर्माण कर सफलतापूर्वक अक्टूबर 1901 में 26 हॉर्स पावर के साथ चलाया गया था। इसी सफलता के बाद मर्फी और दूसरे सहकर्मियों ने डेट्रॉइट ऑटोमोबाइल कंपनी को बदलकर हेनरी फोर्ड कंपनी की स्थापना 30 नवंबर 1901 को की थी। जिसके मुख्य इंजीनियर फोर्ड थे।
1902 में फोर्ड के कंपनीे छोड़ कर चले जाने के बाद मर्फी ने फिर से कंपनी का नाम बदलकर कैडिलैक ऑटोमोबाइल कंपनी रखा। 1902 में ही 8 प्लस हॉर्स पावर के साथ फोर्ड ने साइकिलिस्ट कपूर के साथ मिलकर रेस 999 मैं जीत भी हासिल की। इसके बाद फोर्ड को मलकोमसो का समर्थन मिला इसके बाद उन्होंने पार्टनरशिप में फोर्ड एंड मलकोमसो कंपनी की स्थापना भी की जो ऑटोमोबाइल का उत्पादन करती थी। इसके बाद फोर्ड बेहद कीमती गाड़ियों के निर्माण और उन्हें डिजाइन करने लगे।
हेनरी फोर्ड की खास बातें
अलदौस हक्सले के ब्रेव न्यू वर्ल्ड में फोर्डिस्ट आया आयोजन किया गया।
ऑप्टन सिंक्लेर ने 1937 में फोर्ड की काल्पनिक कहानी का वर्णन अपने नॉवेल दी फ्लिवर किंग में किया था
बहुत से इतिहास नोबेल में फोर्ड का उपयोग किसी व्यक्तिगत चरित्र को दर्शाने के लिए भी किया गया था।
1986 में रोबर्ट लकी की बायोग्राफी में फोर्ड उनके परिवार उनकी कंपनी तीनो का ही वर्णन था। ओर उसका शिर्षक था “फोर्ड: दी मैन एंड दी मशीन” इस किताब को 1987 में अपनाया गया था।
2005 में इतिहास उपन्यास दी प्लाट अगेंस्ट अमेरिका में फिलिप रोथ ने फोर्ड को एक बहुदिमागी व्यक्ति भी बताया था
2008 में ही फोर्ड ने दुनिया में अपनी पहचान बनवा ली थी फोर्ड पूरी दुनिया की बेहद कीमती और बहुमूल्य गाड़ियां बनाने वाली कंपनियों में शामिल हो गई।