आपका सबसे बड़ा दुश्मन कौन है? कौन-सी ऐसी चीज है, जो आपको सफल नहीं होने दे रही? कौन आपकी राह की सबसे बड़ी बाधा है? तो इसका जवाब है- आपके सबसे बड़े दुश्मन तो सिर्फ आप हैं। खुद ने खुद को रोक रखा है।
दुनिया में बड़ा होने और मेहनत करने से किसी ने क्या कभी रोका है? फिर हम मेहनत क्यों नहीं करते? लोग आपकी गति को स्लो कर सकते हैं, लेकिन आपको रोक नहीं सकते।
बादल चाहे कितने भी बड़े और घने क्यों नहीं हों, उनकी हैसियत नहीं है कि वे सूरज की रोशनी को रोक लें।
जब सूरज उगेगा तो बादलों को चीरकर रख देगा। अंधेरा चाहे कितना भी घना क्यों नहीं हो, रात चाहे कितनी भी काली क्यों न हो, उसकी औकात सूरज की एक किरण से ज़्यादा की नहीं है।
सूरज की एक किरण पड़ी और अंधेरा गायब। इसी तरह दुनिया में किसी बाधा की हैसियत आपकी काबिलियत से ज्यादा नहीं है।
रुक जाने के लिए तो आप स्वयं जिम्मेदार हैं। आप एक्शन से ज्यादा बातें करते रहे। पसीना बहाने से ज़्यादा घर में बैठकर सपने बुनते रहे। या फिर आने वाले कल से डरते रहे तो दूसरा क्या कर सकता है?
'फियर ऑफ अननोन' अर्थात 'अज्ञात का भय' दुनिया का सबसे बड़ा डर है। इस भय का कोई आधार नहीं है, फिर भी सबसे कॉमन है
दुनिया को जीतने के लिए पहले खुद को जिताना होगा। जिसने खुद को जीत लिया, उसने दुनिया को जीत लिया।
आपको सिर्फ और सिर्फ एक को हराना है, खुद को। आपकी प्रतिस्पर्धा बाहर किसी से नहीं है। आपकी प्रतिस्पर्धा तो अपने आप से है। कल जो आपने परफॉर्म किया था, उससे बेहतर आज परफॉर्म करना है।
तो अपने इस दुश्मन को आज ही हराओ, अगले हफ्ते नहीं, अगले महीने नहीं, अगले साल नहीं। आदर्श स्थिति का इंतजार मत करो। वह तो कभी नहीं आएगी। इस दुश्मन को हरा लोगे तो बाहर किसी की ताकत नहीं जो तुम्हें रोक सके।